L19 DESK : 31 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022 -23 का आखरी दिन है।अब तक बजट राशि की पूरी निकासी नहीं हो पाई है। वित्तीय वर्ष समाप्ति के दिन पहले गुरुवार को (30 मार्च) वित्तीय विभाग के कोषागार बंद रखने के आदेश के बावजूद कई जिलों में कोषागार खुले रहे। गिरिडीह, लातेहार, पलामू में कोषागार से राशि की निकासी की गई। लातेहार कोषागार से लगभग 18.11 करोड़ की निकासी की गई। वहीं पलामू ज़िले के कोषागार से 50 करोड़ रूपये की निकासी की गई। गिरिडीह जिला के कोषागार शाम के 7.30 बजे तक खुला रहा।
इधर रांची के तीनों कोषागार से लगभग एक हज़ार विपत्र जमा हुआ था। परंतु सर्वर की गति धीमी होने के कारण राशि की निकासी का कार्य प्रभावित हुआ। रांची ज़िला कोषागार से लगभग 400 विपत्र पारित किया जा सका। जानकारी के अनुसार रांची कोषागार,प्रोजेक्ट भवन कोषागार, डोरंडा कोषागार सहित राज्य के सभी को कोषागारों से वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन अरबों रुपये की निकासी की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2022- 23 के लिए 57 हजार करोड़ का योजना बजट लाया गया था । जिसकी शत प्रतिशत बजट राशि खर्च होने की संभावना अब कम ही लगता है।
मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत राज्य के ग्रामीण इलाकों में बनने वाले पुलों का पैसा इस बार सरेंडर करना होगा। विगत सालों से इस मद का पूरा पैसा खर्च होते आ रहा है।
परंतु इस बार पूरा खर्च ना होने के कारण लगभग 50 करोड़ राशि सरेंडर करनी पड़ेगी। इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2022 में 390 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया था । इसके बाद अनुपूरक बजट से ₹150000000 और लिए गए इस तरह कुल 405 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। पिछले वित्तीय वर्ष की चालू योजनाओं पर राशि खर्च की गई लेकिन इस वित्तीय वर्ष में बहुत ही कम पुलों का निर्माण हो सका वित्तीय वर्ष 2022- 23 में नए फूलों की स्वीकृति तो हुई पर उसका टेंडर निकालने के बाद भी अब तक निपटारा नहीं किया जा सका है। विशेष प्रमंडल के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के निलंबन के बाद काफी मामला पड़ा रहा जिसके कारण टेंडर निपटारा नहीं होने से काम भी नहीं शुरू हो सका। बाद में मुख्य अभियंता की पोस्टिंग की गई और कुछ योजनाओं का टेंडर किया गया। जिसका काम प्रगति अवस्था में है। परंतु समय की अभाव के कारण बहुत बड़ी राशि अब भी सरेंडर करनी पड़ रही है।