L19 DESK : झारखंड में इन दिनों अपराध के मामलों में तेजी आयी है। रंगदारी, लेवी के मामले में अपराधी हत्या तक करने के गुरेज नहीं कर रहे। मगर इन अपराधों को रोक पाने में राज्य की पुलिस प्रशासन नाकामयाब नजर आ रही है। आये दिन अपराधी दिन दहाड़े बेखौफ आम जनता और कारोबारियों पर गोलियों की बरसात कर रहे हैं। इस वजह से कारोबारियों को राज्य में रहने से खौफ हो गया है। वहीं, पुलिस अधिकारियों को भी अपराधी नहीं बख्श रहे। दो दिन पहले ही रामगढ़ में अमन साव के गिरोह से मुठभेड़ में एटीएस के डीएसपी नीरज कुमार व रजरप्पा थाने के दारोगा सोनू ज़ख्मी हो गये थे। रांची में कोयला कारोबारी रंजीत गुप्ता को रंगदारी नहीं देने पर अपराधियों ने गोलियों से भून दिया था।
रांची में कोयला कारोबारी रंजीत गुप्ता को रंगदारी नहीं देने पर अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। रांची के ही एक दूसरे मामले में सुखदेवनगर के एक जमीन कारोबारी को अपराधियों ने गोली मार दी थी। इन घटनाओं को देखने के बावजूद राज्य की पुलिस प्रशासन सख्ते में नहीं आयी है। कारोबारी लगातार पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य के ज्यादातर मामलों में दुमका जेल में बंद अमन साव और उसके गिरोह के साथियों का ही हाथ है, जो कानून व्यवस्था के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं है। इसी तरह पांडेय गिरोह, अमन सिंह गिरोह, प्रिंस खान गिरोह, अमन श्रीवास्तव गिरोह, सुजीत सिन्हा गिरोह अब भी राज्य में सक्रिय हैं। भले ही इन गिरोह के अधिकतर सरगना गिरफ्तार किये जा चुके हैं, और फिलहाल जेल में बंद हैं, मगर इनके गुर्गों ने राज्यभर में आतंक मचा रखा हैं।
ताजा घटना की बात करें तो, अमन साव फिलहाल दुमका जेल में बंद है। उसके गुर्गे राज्य में सक्रिय हैं और वर्चुअल कॉल के जरिये रंगदारी वसूल रहे हैं। और अगर रंगदारी मिलती तो सीधा गोली बारी पर उतर आते हैं। बीते 7 जुलाई को भी कुछ ऐसा ही हुआ। अरगोड़ा थाना क्षेत्र में रंगदारी नहीं देने पर अमन साव गिरोह के अपराधियों ने कोयला कारोबारी रंजीत गुप्ता को गोली मार दी थी। वे जख्मी हो गए थे।
इतना ही नहीं, गुर्गे के सदस्य मयंक सिंह के नाम से भी वर्चुअल कॉल के जरिये रंगदारी मांगी जा रही है और जान मारने की धमकी भी दी जा रही है। पुलिस की छानबीन में मयंक सिंह एक छद्म नाम के रूप में सामने आया है। पुलिस ने इस गिरोह के कई कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भी डाला है, लेकिन जेल से बाहर अब भी दर्जनों गुर्गे सक्रिय हैं।
विदेशों में भी एक्टिव हैं ये आपराधिक गिरोह
ये अपराधी केवल राज्य में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सक्रिय हैं। संयुक्त अरब अमीरात से कॉल कर के धनबाद का कुख्यात गैंगस्टर प्रिंस खान रंगदारी मांग रहा है। इस बात का पता पुलिस को चलते ही पुलिस ने अपनी छानबीन में उसका लोकेशन ट्रेस किया, जिसके बाद से उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस तक जारी करवा दिया गया है। इस साल अप्रैल से जून के बीच झारखंड एटीएस व जिला पुलिस ने गैंगस्टर प्रिंस खान गिरोह के 22 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। धनबाद में गैंगस्टर अमन सिंह गिरोह के भी 13 सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं।
पुलिस कर चुकी है इन्हें गिरफ्तार
झारखंड एटीएस ने मई महीने में ही श्रीवास्तव गैंग के प्रमुख अमन श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया था। श्रीवास्तव गैंग के अन्य अपराधी भी पहले गिरफ्तार हो चुके हैं। कुछ जेल से बाहर हैं, जिनपर एटीएस की नजर है। एटीएस ने श्रीवास्तव गैंग के अर्थ तंत्र पर भी कड़ी कार्रवाई की, उसके अलावा कारोबारी साथियों को भी गिरफ्तार किया। वहीं, पांडेय गिरोह के खिलाफ भी एटीएस की छानबीन जारी है। बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद के विधायक प्रतिनिधि की हत्या के मामले में एटीएस ने पांडेय गिरोह के दो शूटरों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इस गिरोह से जुड़े अपराधियों के बारे में भी एटीएस छानबीन कर रही है।