L19 DESK : झारखंड में ओबीसी आरक्षण को 13 फीसदी बढ़ाये जाने के सरकार के प्रस्ताव पर राजभवन ने सहमति नहीं दी है। राजभवन की तरफ से झारखंड आरक्षण संसोधन अधिनियम 2022 को वापस सरकार के पास भेज दिया गया है। अब हेमंत सोरेन की सरकार इस पर कानूनी राय लेकर इसमें संशोधन करायेगी। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने बुधवार को आरक्षण विधेयक को वापस लौटा दिया था। यह कहा गया था कि देश के अटॉर्नी जनरल से इस पर राय ली गयी थी। अटॉर्नी जनरल ने आरक्षण संसोधन विधेयक पर तय शर्तों और परिधि के अनुरूप ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग संवर्ग को आरक्षण दिये जाने की अनुशंसा की है।
राज्यपाल ने इस विधेयक को अटॉर्नी जनरल की समीक्षा और सुझाव के साथ फाइल सरकार को वापस कर दी है। सरकार से कानूनी अड़चनों को समझने की बातें भी कही गयी है। झारखंड सरकार ने इस विधेयक में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की सीमा 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा था। इसके साथ ही अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 26 से बढ़ाकर 28 फीसदी और अनुसूचित जाति का आरक्षण 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने का फैसला लिया था। तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस ने भी इस विधेयक को अटॉर्नी जनरल के पास भेजा था। अटॉर्नी जनरल ने इस विधेयक की समीक्षा करते राय दी थी कि इसके कई प्रावधान सुप्रीम कोर्ट के दिए गये फैसलों से नहीं मिलते हैं।