L19/Hazaribagh : बिहार से झारखंड को जोड़ने वाली एक दर्दनाक घटना सामने आयी है। दरअसल, बिहार में एक शख्स ने अपने ही सगे भाई की हत्या करके हजारीबाग में उसके शव को ठिकाने लगा दिया। इसका पता लगते ही पुलिस ने बिहार से 4 लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। इचाक और पदमा पुलिस ने अलग-अलग जगहों से सिर और धड़ बरामद किये। इस बर्बर घटना को मृतक के भाई और भाभी ने ही अंजाम दिया है।
इस घटना की तहकीकात 9 जुलाई से शुरु हुई जब एनएच 33 के नेशनल पार्क गेट के पास लोटवा जंगल के पास से बिना सिर का धड़ बरामद किया गया था। इसके बाद 11 जुलाई को हजारीबाग के पदमा थाना क्षेत्र स्थित केटवा नदी पुल से सिर की बरामदगी की गयी। इसकी पहचान औरंगाबाद के नवीनगर थाना के साया गांव निवासी भीम सिंह के तौर पर की गयी।
इस वारदात को अंजाम देने के मामले में इचाक पुलिस ने 4 लोगों को बुधवार की रात औरंगाबाद और रोहतास से गिरफ्तार कर लिया। उनसे पूछताछ के बाद गुरुवार को पुलिस ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस घटना में 3 पुरुष और 1 महिला की संलिप्तता पायी गयी है। इनमें मृतक भीम सिंह का बड़ा भाई अर्जुन सिंह, भाभी आरती देवी, शालिग्राम सिंह के अलावा रोहतास जिले के सम्हुता गांव निवासी रंजीत कुमार सिंह शामिल हैं।
आखिर क्या था मामला?
यह मामला संपत्ति का था। आरोपियों ने खुद स्वीकार किया कि संपत्ति के लालच में अर्जुन के कहने पर उसके भाई भीम सिंह को औरंगाबाद में गला रेत कर मारा गया। 8 जुलाई की रात इस वारदात को अंजाम देने के बाद इचाक के लोटवा जंगल में मृतक के धड़ को, जबकि पदमा के केवटा नदी पुल में फेंक दिया गया।
आरोपियों ने स्वीकार किया कि संपति के लालच में अर्जुन के कहने पर उसके भाई भीम सिंह की हत्या औरंगाबाद में 8 जुलाई की रात गला रेत कर कर दी थी। इसके बाद भीम के धड़ को इचाक के लोटवा जंगल में, जबकि सिर पदमा के केवटा नदी पुल में फेंक दिया था।
इचाक और पदमा पुलिस ने धड़ और सिर बरामदगी मामले में अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की थी। इचाक थाना प्रभारी सह प्रशिक्षु आईपीएस कुमार शिवाशीष ने बताया कि बिहार की औरंगाबाद पुलिस के सहयोग से इचाक पुलिस टीम ने सिर और धड़ अलग अलग बरामद होने मामले का खुलासा कर लिया है। इस मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों ने पुलिस के सामने घटना में संलिप्तता स्वीकार की है।