L19 DESK : पूरे देश में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने को लेकर विवाद और विरोध शुरू हो गया है। हालांकि आजादी के बाद से ही यह कानून विवादों में घिरते रहा है, लेकिन यह कानून भारतीय जनता पार्टी के मुख्य चुनावी एजंडों में से एक होने के कारण इस कानून को लागू करने में लगी पड़ी है। जिस कारण से सभी विपक्षी राजनीतिक पार्टियां भाजपा सरकार को घेर रही है और भारी विरोध कर रही हैं। इसी मामले को देखते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने भी यूसीसी का विरोध करना शुरू कर दिया है। लखनऊ ईदगाह के इमाम खालिद रशीद फरंगी महली ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर कहा कि इस कानून को मुसलमानों द्वारा किसी भी हाल में कबूल नहीं किया जाएगा है।
AIMPLB द्वारा आखिर विरोध क्यों?
दरअसल समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने को लेकर पूरे देशभर में विरोध एवं विवाद जारी है। ऐसे में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने भी इस कानून विरोध करना शुरू कर दिया है। बोर्ड मेंबर और लखनऊ की सुन्नी मस्जिद के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड मुसलमानों को किसी भी हाल में कबूल नहीं है न होगा। इससे इस्लामी शरीयत पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। मौलाना फरंगी महली यूसीसी का विरोध किया है साथ ही बोर्ड ने एक लिंक जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि सभी मुसलमान यूसीसी के ड्राफ्ट पर लॉ कमीशन को अपनी राय जल्द भेजें। सभी मस्जिदों के अगुवागनों से कहा गया है कि वे जुमे के दिन नमाज से पहले मुसलमानों को समान नागरिक संहिता के बारे में बताएं और इसका जोरों से विरोध करने के लिए कहें। क्योंकि अगर पुरे देशभर में UCC लागू हुआ तो मुसलमानों को मुस्लिम पर्सनल कानून पर अमल करने से रोका जा सकता है, साथ ही दूसरे अल्पसंख्यक धर्मों पर भी असर पड़ेगा।
समान नागरिक संहिता(UCC) कानून क्या है?
समान नागरिक संहिता(UCC) कननून को लेकर भारत में विवाद शुरू हो चुका है तथा जगह जगह पर भारी आक्रोश में विरोध प्रदर्शन किए जा रहें है, लेकिन क्या आप सभी जानते हैं ? समान नागरिक संहिता(UCC) कननून क्या है? समान नागरिक संहिता(UCC) कानून का मतलब है देश में सभी धर्मों के लिए एक कानून अर्थतः सभी धर्मों और वर्गों के लोगों के लिए एक समान कानून। चाहे वो किसी भी मामले में जुड़ा हो । जैसे शादी, तलाक, गोद लेने के नियम, उत्तराधिकार और संपत्तियों से जुड़े मामलों में पूरे देश वासियों के लिए एक समान ही कानून लागू होगा। जिससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप गरीब है ,निचली जाती के है या कुछ भी। सविधान में जो भी आपके हक अधिकार से जुड़े कननून हैं वो खत्म हो जाएंगे उस अधिकार का फिर कोई उपयोग नहीं कर सकता। सविधान के पन्ने, बस इस कानून के आने के बाद बस पन्नों में सिमट के रह जाएंगे।