L19 DESK : पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में एनआईए की ओर से गवाही जारी है। शुक्रवार को भी एनआईए के विशेष न्यायाधीश एमके वर्मा की अदालत में गवाही दर्ज की गई। मामले में एनआईए की ओर से गवाह मुंडेश्वरी बाला को प्रस्तुत किया। मामले में एनआईए की ओर से अब तक 52 गवाहों की गवाही दर्ज कराई है। गवाही शनिवार को भी जारी रहेगी।
जाने कैसे हुई थी रमेश सिंह मुंडा कि हत्या
घटना के समय विधायक रमेश सिंह मुंडा तमाड़ विधानसभा से जनता दल यूनाइटेड के विधायक थे। रमेश मुंडा बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके थे। 9 जुलाई 2008 को बुंडू के एसएस हाईस्कूल में खेल समारोह का आयोजन किया गया था। यहीं समापन समारोह के दौरान जब रमेश मुंडा सभा को संबोधित कर रहे थे कि नक्सलियों ने हमला बोल दिया।
नक्सलियों की फायरिंग में विधायक रमेश मुंडा, उनके 2 अंगरक्षक और 1 आम नागरिक की मौत हो गई थी। आश्चर्यजनक ढंग से इस हमले में विधायक रमेश मुंडा का तीसरा अंगरक्षक शेषनाथ सिंह बच गया। संदेह के आधार पर एनआईए ने उसे गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया कि उसी ने नक्सलियों के लिए विधायक की मुखबिरी की थी। इस मामले में पूर्व मंत्री राजा पीटर, नक्सली कुंदन पाहन सहित 22 से अधिक आरोपी ट्रायल का सामना कर रहे हैं।