L19 DESK : राजकीय श्रावणी मेला 2023 मंगलवार से शुरू हो गया। देवघर के बाबा नगरी में मेले का उदघाटन सोमवार शाम कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने दुम्मा में किया था। सावन के पहले दिन भी बाबा मंदिर में भारी भीड़ दिखी बाबा की नगरी में कांवरियों की भीड़ लगी रही। 19 वर्षों के बाद ऐसा श्रावणी मेला आया, जिसमें 8 सोमवार के दिन जलाभिषेक होगा।
श्रावणी मेले के दौरान 31 अगस्त तक श्रद्धालु अरघा के माध्यम से बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक करने का मौका मिलेगा। स्पर्श पूजा बंद होगी। 31 अगस्त को अरघा हटाने के बाद स्पर्श पूजा फिर से शुरू होगी। सावन महीना का पहला पक्ष 4 जुलाई से 16 जुलाई और दूसरा पक्ष 17 अगस्त से 31 अगस्त तक होगा। मलमास मेले में उत्तर-प्रदेश और मध्य प्रदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहती है। यूपी के कांवरिए संगम घाट से जल लाकर लाकर बाबा को चढ़ाते हैं। इसलिए, पिछले वर्ष की तुलना में इस बार दोगुना श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। कांवरियों की भीड़ को देखते हुए पंडा धर्मरक्षिणी सभा ने मलमास मेले में अरघा नहीं लगाने की मांग की है। हालांकि इस पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है।
जिला प्रशासन औऱ मंदिर प्रबंधन ने शीघ्रदर्शनम् का सिस्टम बदल दिया है। महिलाओं की प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए बने फीडिंग रूम, श्रावणी मेले में शीघ्र दर्शनम् पास 250 की जगह 500 रुपए में मिलेगा। रविवार और सोमवार को व्यवस्था बंद रहेगी। अब शीघ्रदर्शनम कूपन के लिए पुरोहितों द्वारा बार-बार फॉर्म भरने की झंझट खत्म कर दी गई है। बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के निकास दरवाजे के समीप अरघा लगाया जाएगा। जिसमें वे अपना बाबा पर अर्पित होते हुए स्क्रीन में देख सकेंगे। कतार में खड़े कांवरियों को उमस भरी गर्मी से बचाव के लिए नेहरू पार्क से लेकर मंदिर के संस्कार मंडप तक मिस्ट कूलिंग सिस्टम की व्यवस्था रहेगी। इससे पानी का फव्वारा नहीं, बल्कि फॉग निकलेगा, जो पूरे माहौल को ठंडा करेगा।