L19 DESK : झारखंड हाइकोर्ट ने वर्ष 2018 में रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और नर्सों की हड़ताल के दौरान मरीजों की मौत के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे गंभीरता से लिया। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र ओर जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को जांच समिति गठित करने का निर्देश दिया हैं। बेंच ने कहा कि समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश करेंगे। जांच समिति के संबंध में राज्य सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया गया है। इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता मुख्तार खान ने खंडपीठ को बताया कि हड़ताल के दौरान इलाज के अभाव में 28 मरीजों की मौत के लिए अब तक जिम्मेवार लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।
उन्होंने समिति बना कर मामले की जांच कराने व घटना के जिम्मेवार मेडिकलकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया हैं। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड छात्र संघ की ओर से अध्यक्ष एस अली ने जनहित याचिका दायर की है।
क्या था मामला ?
एक जून 2018 को रिम्स में एक मरीज की मौत गलत इलाज की वजह से हो गयी थी। इसके बाद मरीज के परिजनों व जूनियर डॉक्टरों के बीच झड़प हुई थी। इस घटना के विरोध में दो जून 2018 को जूनियर डॉक्टर व नर्स हड़ताल पर चले गये। हड़ताल के दौरान रिम्स में इलाज की सारी व्यवस्था ध्वस्त हो गयी थी। लगभग 35 मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पाया। 600 से अधिक मरीज बिना इलाज के वापस लौट गये, जबकि इसी दाैरान रिम्स में भर्ती 28 मरीजों की मौत इलाज के अभाव में हो गयी। मामले को लेकर कोतवाली थाना में जिम्मेवार जूनियर डॉक्टरों व नर्सों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी।