L19 DESK : केंद्रीय खेल मंत्रालय की ओर से भारतीय कुश्ती संघ (WFI) की नयी बॉडी को सस्पेंड करने का फैसला लिया है। कुश्ती संघ पर कार्रवाई करने की वजह जल्दबाजी करना बताया गया है। इसी के साथ मंत्रालय ने संघ के नवनियुक्त अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को भी सस्पेंड कर दिया है। वह भाजपा से सांसद हैं।
संजय सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष चुने जाने के बाद से ही भारतीय पहलवानों ने इस चुनाव का विरोध करना शुरु कर दिया। पहलवानों के अनुसार, संजय सिंह पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का करीबी है। विरोध शुरु होने का कारण बृजभूषण शरण सिंह ही था। उसे हटाये जाने के बाद उसके करीबी को नियुक्त करने से सुधार की कोई उम्मीद नहीं है।
हालांकि, खेल मंत्रालय ने इस वजह से संजय सिंह सहित पूरे फेडरेशन बॉडी इस कारण से निलंबित नहीं किया है। मान्यता वापस लेना बिल्कुल अलग मामला है।
कुश्ती महासंघ को सस्पेंड करने की ये है वजह
खेल मंत्रालय की ओर से कुश्ती महासंघ को अमान्य घोषित करते हुए कहा गया कि फेडरेशन ने मौजूदा नियम कायदों को नजरअंदाज किया है। प्रेस रिलीज के जरिये कहा गया है कि राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित करने का ऐलान जल्दबाजी का नतीजा है। और इसमें नियमों का पालन नहीं हुआ। इस प्रतियोगिता का आयोजन यूपी के गोंडा में होना था, जो कि पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह का इलाका है।
खेल मंत्रालय ने कहा कि नवनियुक्त अध्यक्ष संजय कुमार सिंंह ने 21 दिसंबर को ऐलान किया था कि जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगितायें इस साल के अंत से पहले प्रारंभ हो जायेंगी। हालांकि ये नियमों के खिलाफ है, क्योंकि प्रतियोगिता शुरु करने के लिये कम से कम 15 दिन का नोटिस देना होता है ताकि पहलवान तैयारी कर पायें।
इसके साथ ही मंत्रालय ने फेडरेशन पर गंभीर आरोप भी लगाया है। खेल मंत्रालय ने कहा है कि नयी बॉडी पूरी तरह से पुराने पदाधिकारियों के नियंत्रण में दिखायी पड़ती है। जिन पर पहले ही यौन उत्पीड़न का आरोप है। कुश्ती महासंघ का काम पुराने पदाधिकारियों के परिसरों में संचालित हो रहा है। इसमें वे परिसर भी शामिल हैं, जहां महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न होने की बात कही गयी है। वर्तमान ने कोर्ट के समक्ष भी इस मामले पर सुनवाई चल रही है।
क्या कहा संजय सिंह ने ?
वहीं, फेडरेशन के नये अध्यक्ष संजय सिंह का दावा है कि साल 2023 के अंत होने में केवल 8 दिनों का समय बचा है। अगर ये ‘अंडर 15 और अंडर 20 रेसलिंग नेशनल्स’ इस साल आयोजित नहीं होता है, तो कई पहलवान इस कुश्ती प्रतियोगिता से बाहर हो जायेंगे। वे ओवर एज हो जायेंगे। ऐसे में युवा पहलवानों के भविष्य के लिये जल्द ही इस पर सही फैसला लिया जाये। अगर नये पदाधिकारी ये त्वरित फैसला नहीं लेते, तो कई युवा पहलवान 11 महीने से रुकी पड़ी सभी गतिविधियों के कारण इसमें भाग नहीं ले पाते। क्योंकि नंदनी नगर गोंडा में स्टेडियम और आधारभूत संरचना तैयार है, इसलिये इतनी जल्दबाजी में ये फैसला लिया गया।
वहीं संजय सिंह ने कहा कि उन्हें फिलहाल ज्यादा विस्तार से इस बारे में मालूम नहीं है, मगर इतना जरूर है कि कोई भी फैसला नियम विरुद्ध नहीं है।
कुश्ती त्यागने के बाद साक्षी मलिक ने ये कहा
राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर ओलंपिक विजेता और बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली अंतर्राष्ट्रीय दर्जे की पहलवान साक्षी मलिक ने सवाल उठाये हैं। उनका कहना है कि जिस गोंडा में कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन होना है, वह इलाका बृजभूषण शरण सिंह का है। साक्षी ने आश्चर्य जताते हुए कहा है कि जूनियर महिला पहलवान किस माहौल में कुश्ती लड़ने वहां जायेंगी? क्या इस देश में नेशनल प्रतियोगिता कराने के लिये नंदनी नगर के सिवा कोई दूसरी जगह बची ही नहीं है?