L19 DESK : गिरिडीह का झंडा मैदान, तारीख 4 मार्च, 2024, यह कल्पना सोरेन का पहला राजनीतिक मंच था, लड़खड़ाते जुबान और आंखों में आंसू ने ना सिर्फ झारखंड की राजनीति में एक नया इतिहास रचा बल्कि झारखंड में हेमंत सोरेन की पत्नी की नाम से जाने जाने वाली कल्पना सोरेन को अपनी एक अलग पहचान मिली. पहचान विपरित समय में विरोधियों से समझौता नहीं बल्कि पूरी ताकत के साथ लड़ने की और उन्हें हर षड्यंत्र के बावजूद मात देने की. गिरिडीह के झंडा मैदान में कल्पना सोरेन, जेएमएम के नेता के तौर पर पहली बार अपने समर्थकों, कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच इतनी बड़ी मंच को संबोधित कर रही थी.
कल्पना सोरेन को यह मंच, हेमंत सोरेन को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद मिला था. लेकिन कल्पना सोरेन, इस मंच के जरिए अपने पार्टी के समर्थकों और राज्य की जनता के बीच बहुत ही कम समय में काफी लोकप्रिय हो गई. उनकी सभाओं में भीड़ किसी, देश के बड़े नेताओं से कम नहीं हुआ करती थी. कल्पना सोरेन को सुनने और उनके राजनीतिक भाषणों से हर रोज लोग जुड़ रहे थे. बहरहाल, वो जेएमएम, जिसके हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद टूटने और हासिए में चले जाने की बात कही जा रही थी. वो कल्पना सोरेन के राजनीतिक एंट्री के बाद गलत साबित हुआ.
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी ने भले ही सोरेन परिवार और जेएमएम के नेताओं और कार्यकर्ताओं को कुछ महीनों के लिए परेशान किया लेकिन हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी ने ही जेएमएम को कल्पना सोरेन जैसा नेता दिया. हाल ही में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडी गठबंधन को मिली जीत में कल्पना सोरेन की भूमिका किसी से छिपी नहीं है. खुद हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन को स्टार कैंपेनर तक बता चुके हैं.
खैर, जेएमएम में कल्पना की एंट्री के साथ ही हेमंत सोरेन ने भी 25 साल के झारखंड में एक नया इतिहास रचा, मुख्यमंत्री रहते किसी भी नेता ने अपनी विधायकी दोबारा नहीं जीती थी. हेमंत सोरेन, सीएम रहते बरहेट विधानसभा से चुनाव लड़े और जीते तथा दोबारा मुख्यमंत्री भी बने. वहीं, कल्पना सोरेन की बात करें तो वो, हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद गांडेय से उप-चुनाव जीतकर पहली बार झारखंड विधानसभा पहुंची और फिर हुए विधानसभा में भी उन्होंने इसी सीट से जीत हासिल की.
वहीं, आज यानी 4, मार्च, 2025 को जेएमएम गिरिडीह के झंडा मैदान में ही अपना स्थापना दिवस मनाएगा, इस कार्यक्रम में हेमंत सोरेन के भी पहुंचने की संभावना है. वहीं, करीब 25 की तादाद में पार्टी के कार्यकर्ता सभा में पहुंचेंगे. खैर, कल्पना सोरेन के राजनीति एंट्री से जेएमएम को कितनी मजबूती मिली और भाजपा को कितना नुकसान हुआ हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.