L19 DESK : कोयला कारोबारी सोनू अग्रवाल उर्फ अमित अग्रवाल नक्सली संगठन तृतीय प्रस्तुती कमेटी (टीपीसी) के लिए लेवी की वसूली करता था। इस बात की पुष्टि नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) ने टेरर फंडिंग केस के चार्जशीट में की है, जिसमें सोनू अग्रवाल को 21वां आरोपी बनाया गया है। सोनू अग्रवाल की कंपनी मेसर्स श्रीबालाजी ट्रांसपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड को मगध और आम्रपाली प्रोजेक्ट में कोयले का उठाव का काम मिला था। दोनों कोल परियोजनाएं चतरा के टंडवा में अवस्थित हैं। टंडवा पिछले एक दशक तक टीपीसी का गढ़ के रुप में जाना जाता रहा है।
टेरर फंडिंग को लेकर एनआईए ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में आरोप है कि सोनू अग्रवाल ने अपने व्यवसाय को चलाने के लिए ग्राम समिति के सदस्यों और टीपीसी को करोड़ों रुपये की लेवी दी। उसने टीपीसी के लिए लेवी वसूली को संगठित रूप देकर पैसे की बरसात करायी। सोनू अग्रवाल ने ही इस मामले के दूसरे आरोपी सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह के साथ मिल कर टीपीसी के लिए लेवी वसूली की साजिश रचने का काम किया। यह काम उसने टीपीसी के जोनल कमांडर आक्रमण गंझू द्वारा लेवी मांगे जाने पर किया गया।
सोनू अग्रवाल के खिलाफ तथ्य व सबूत मिलने के बाद एनआईए ने आठ अक्टूबर 2018 को छापेमारी की थी। एनआइए ने टीपीसी के आम्रपाली-मगध एरिया कमेटी को दी गई लेवी की राशि से संबंधित दस्तावेज, बैंक अकाउंट, फिकस्ड डिपोजिट से संबंधित दस्तावेज, वेली राशि (कांटा घर पर वसूल की जाने वाली राशि) की कटौती, कंप्यूटर, हार्डडिस्क, मोबाइल फोन, विभिन्न कंपनियों के एकाउंट्स, डायरियां, टीपीसी और पीएलएफआई के लिए दी गई राशियों का विवरण, इंडियन करेंसी के रूप में 68 लाख रूपये, दस हजार सिंगापुर डॉलर, 1300 अमेरिकन डॉलर और 86 हजार रुपये जब्त किए थे। एनआइए ने इस मामले में दाखिल चार्जशीट में कहा है कि टीपीसी को लेवी देने के लिए ऊंची दर पर मगध व आम्रपाली कोल परियोजना से कोयला ढुलाई का ठेका लिया गया था। उग्रवादी आक्रमण गंझू ने कोयले की ढुलाई का काम सुधांशु रंजन को दिलवाया था।