L19 DESK : श्रावणी मास का दूसरा सोमवार कल यानी 17 जुलाई को है। कल सोमवती अमावस्या और हरियाली अमावस्या का खास संयोग भी बन रहा है। साथ ही रूद्राभिषेक के लिए शिववास और पुनर्वसु नक्षत्र भी है। इस बार श्रावण मास 58 दिनों का है। 17 जुलाई को सावन महीने की अमावस्या की तिथि है जिसे हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। सुबह-सबेरे सबसे पहले उठने के बाद भक्त स्नान और ध्यान करने के साथ-साथ इस दिन बाबा भोलेनाथ के साथ इस दिन देवी पार्वती की भी पूजा-अर्चना की जाती है। स्नान-ध्यान करने के बाद शिव मंदिर जाने और भगवान शिव के साथ देवी पार्वती के सामने बैठकर सोमवार की पूजा और व्रत का संकल्प लेने की काफी पुरानी परंपरा भी है। इस दिन आप देवी पार्वती को मेहंदी, चुनरी और सोलह श्रृंगार भी अर्पित करने से मनोनुकूल इच्छा की प्राप्ति होती है।
सनातन हिन्दू परंपरा के अनुसार सावन के इस पवित्र महीने में सोमवार के व्रत का एक विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि सावन के हर सोमवार को व्रत रखने से बाबा भोलेनाथ और मां पर्वती की विशेष कृपा मिलती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भोलेनाथ को अपने पति के रुप में पाने के लिए देवी पर्वती ने सावन के सोमवार का व्रत रखा था। दूसरी सोमवार के साथ ही 17 जुलाई से एक माह का मलमास भी प्रारंभ शुरू हो रहा है। ऐसे में भक्तों की भीड़ शिव मंदिरों में उमड़ेगी। बाबा नगरी देवघर के बाबा वैद्यनाथ के दरबार में भी कांवरियों का रेला उमड़ेगा। इसे लेकर जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। इधर राजधानी रांची में भी पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर पुख्ता इंतजाम कर लिए है।