हाईकोर्ट ने एसडीओ ने हलफनामा देकर कहा कि उनके द्वारा निर्गत दो पूर्व के आदेश को कर दिया गया विलोपित
दूसरे पक्ष की तरफ से सीआरपीसी की धारा 340 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी, गलत म्यूटेशन को भी किया जायेगा चैलेंज
L19 : झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के इतर एसडीओ चांडिल ने गलत कार्यालय आदेश निर्गत किये जाने से सहोदर भाईयों के बीच विवाद बढ़ गया है. हाईकोर्ट ने 14 फरवरी को रिट याचिका 5258 ऑफ 2022 की सुनवाई के क्रम में यह कहते हुए विश्वनाथ महतो और शिव प्रसाद महतो की याचिका खारिज की थी. हाईकोर्ट को यह हवाला दिया गया था कि सदर अनुमंडल अधिकारी ने 20.9.2022 को जारी आदेश को वापस ले लिया. जानकारी के अनुसार गुरुपद महतो की तरफ से कपाली मौजा के खाता संख्य् 425 के प्लाट संख्या 1179 के चार डिसमिल जमीन में भवन निर्माण का काम कराया जा रहा था. इसकी अनुमति एसडीओ चांडिल ने ही दी थी. निर्माणकार्य को रोकने के लिए विश्वनाथ महतो की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए एसडीओ के आदेश संख्या 1273, जो 20.9.2022 को इश्यू किया गया था को रद्द करने का आग्रह किया गया था. इस आदेश में कपाली थाना के थाना प्रभारी को गुरुपद महतो की ओर से कराये जा रहे निर्माणकार्य में सहयोग करने का आदेश दिया गया था. हाईकोर्ट में जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने सुनवाई के क्रम में कहा था कि इस भूमि पर गुरुपद महतो के रिश्तेदारों का भी हिस्सा पड़ता है, जो याचिका के दस्तावेजों में उपलब्ध है. ऐसे में राज्य सरकार को तत्काल निर्माण कार्य रूकवाने का डायरेक्शन देने का अनुरोध किया गया था, ताकि 20 सितंबर 2022 को जारी किये गये आदेश को रोका जा सके. अब याचिकाकर्ता की तरफ से सीआरपीसी की धारा 340 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराया जायेगा. साथ ही चांडिल अंचल की तरफ से निर्गत जमीन के फरजी दाखिल-खारिज आदेश को भी चुनौती दी जायेगी.
क्या किया था एसडीओ ने
एसडीओ चांडिल ने हाईकोर्ट में दिये गये शपथ पत्र में कहा था कि उनके द्वारा 1533 से संबंधित ज्ञापांक, जो 22 नवंबर 2022 को जारी किया गया था, उसे वापस लेते हुए 29.9.2022 और 14 अक्तूबर 2022 को भी जारी दो आदेश को विदड्राव कर लिया गया है. उसे रीकाल्ड कर लिया गया है. पर हाईकोर्ट का जो आदेश 14 फरवरी की सुनवाई के बाद अपलोड किया गया, ठीक उसके उलट एसडीओ ने निर्माण कार्य रोकने की बजाय फिर से निर्माण कार्य शुरू करने का आदेश दे दिया. इससे याचिकाकर्ता और गुरुपद महतो के बीच विवाद बढ़ गया है. जिस गुरुपद महतो के 20 सितंबर 2022 और 14 अक्तूबर 2022 के आधार पर निर्माण कार्य शुरू करने की इजाजत दी गयी थी. उस पर रोक लगाने की बजाय उसे फिर से कंटीन्यू कर दिया गया.
गुरुपद महतो ने दिया था एफिडेविट खाली जमीन का उपयोग सभी भाई करते हैं
गुरुपद महतो ने 17 मई 2019 को यह एफिडेविट दिया था कि खाली जमीन का उपयोग सभी भाई करते हैं. उन्होंने सिनीयर डिवीजन प्रथम सिविल जज के समक्ष यह स्वीकार किया था कि हमलोगों के बीच जमीन का बंटवारा नहीं हुआ है. हमारे पिता की संपत्ति कपाली टोला बारडीह में है, जिसका खाता नंबर 425 और प्लाट नंबर 1179 है. जमीन के पीछे और जमीन है, जिसका प्लाट नंबर 1050 है. 10 कट्ठा में घर-बाड़ी बनी हुई है. परिवार के लोग इसमें तीन कमरे बना कर रहते हैं, जिसमें दुकान भी चलती है. गुरुपद महतो ने यह भी स्वीकार किया था कि मेरा घर 10 कट्ठा में बना हुआ है.