Ranchi/Deoghar : Loktantra19.com लगातार संथाल में हुए मनरेगा घोटाले की पोल खोल रहा है. रांची सचिवालय से लेकर देवघर जिला कार्यालय को इस बात की जानकारी हो चुकी है कि संथाल में मनरेगा के नाम पर करोड़ों रुपए घोटाले की भेट चढ़ चुकी है. हर बार जब कोई मीडिया हाउस किसी घोटाले की खबर लिखता है, तो अमूमन असर होता है. लेकिन इस बार देवघर प्रशासन की तरफ से खबर का असर नहीं बल्कि खबर के असर के नाम पर लीपापोती की गयी. यह लीपापोती डीडीसी स्तर से लेकर पंचायत सचिव तक ने की है. एक बड़े घोटाले को देवघर प्रशासन एक छोटी भूल करार देकर मामला निबटाने के फिराक में है. लेकिन Loktantra19.com के पास इसतने सबूत हैं, जिससे आने वाले दिनों में फिर से जांच होने की पूरी संभावना
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कैसे की जा रही है लीपापोती
Loktantra19.com ने अपनी खबर में बताया था कि मजदूरी देने से पहले जो फोटो अपलोड किया जाता है, उसमें बड़ी गड़बड़ी हुई है. उदाहरण के तौर पर Loktantra19.com ने छह मामले पेश किए थे. जो देवघर प्रखंड और मोहनपुर प्रखंड के हैं. जबकि हमने अपनी खबर में यह भी कहा था कि ऐसे सैकड़ों उदाहरण हमारे पास है. उदाहरण स्वरूप छह मामले दिखाए गए थे. देवघर प्रशासन ने बस इन्हीं छह मामलों की जांच करायी और कहा कि बस फोटो अपलोड होने में गलती हुई है, जो कि एक मामूली मानवीय भूल है. इसे सुधारा जा रहा है और जल्द ही पैसे की वसूली भी कर ली जाएगी. डीडीसी पियूष सिन्हा की तरफ से जांच की गयी. बकायदा पंचायत सचिव और प्रखंड के बीडीओ से स्पष्टीकरण मांगकर विभाग को भेज दिया गया.
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देवघर में हैं दस प्रखंड तो दो की ही जांच क्यों
अपनी खबर में Loktantra19.com बार-बार कह रहा है कि पूरे जिले में मनरेगा घोटाला हुआ है. लेकिन देवघर प्रशासन ने सिर्फ दो ही प्रखंड में, वो भी सिर्फ छह मामले की ही जांच करायी. बाकी सारे मामले को गौण कर दिया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर देवघर प्रशासन इतनी बैकफुट पर आकर क्यों खेल रहा है. क्यों नहीं पूरे मामले की जांच प्रशासन की तरफ से किया गया. Loktantra19.com अपने पाठकों को बार-बार कह रहा है कि पूरे देवघर में ऐसे 5000 से ज्यादा मामले हैं, जहां ऐसी गड़बड़ी कर करोड़ों रुपए का बंदरबांट किया जा रहा है. सबसे बड़ा ताज्जुब यह है कि अब प्रशासन कागजी और नकली जांच कराकर पूरे मामले को दबाना चाह रहा है.
