L19 DESK : आदिवासी सेंगल अभियान के अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने सरना धर्म कोर्ड को मान्यता देने सहित कई मांगों को लेकर सरना समिति के सदस्यों और आदिवासी समाज के साथ बैठक करने के बाद कहा कि भारत बंद के बाद 30 जून 2023 विश्व सरना धर्म जनसभा का आयोजन कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में किया जाएगा। जिसमें पांच लाख से ज्यादा लोग शामिल होंगे। मुर्मू का कहना है कि 2011 की जनगणना में जैन धर्म को मानने वालों की संख्या 44 लाख है जबकि आदिवासियों की संख्या 50 लाख है। इसके बावजूद सरना धर्म कोर्ड को अबतक मान्यता नहीं मिली है। जैन समुदाय वालों को मिल चुकी है। उन्होंने बताया कि 15 जून को भारत बंद के माध्यम से वह भारत सरकार से मांग करते हैं कि गिरिडीह के पारसनाथ में मरांग बुरु पहाड़ आदिवासियों के ईश्वर हैं, लेकिन झारखंड सरकार ने 5 जनवरी 2023 को भारत सरकार को यह लिखकर दे दिया कि वह पहाड़ जैन धर्म का है, जो की आदिवासी समाज को अस्वीकार है।
बता दे कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के झारखंड आने के दौरान एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरना धर्म कोड को मान्यता देने का आग्रह भी किया है। वहीं, कल कांग्रेस के नेता प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की अगुवाई में राष्ट्रपति से मिलकर सरना धर्म कोड पर विचार करने का आग्रह किया है।