L19/Giridih : गिरिडीह में आज शिक्षा अधिकार मंच एवं बाल अधिकार की ओऱ से जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस दौरान झारखंड के रहने वाले अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा कि झारखंड में शिक्षा अधिकार कानून का घोर उल्लंघन हो रहा है। यहां की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। पर्याप्त सुविधाओं के कमी के कारण यहां का स्कूल केवल टाइम पास करने के लिये रह गया है।
कार्यक्रम में भाग लेने से पहले उन्होंने गिरिडीह के हुट्टी बाजार में स्थित प्राथमिक विद्यालय पहुंच कर वहां की शिक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। व्यवस्था से असंतुष्ट होकर ज्यां द्रेज ने कहा कि इस स्कूल में 80 बच्चों पर केवल एक ही शिक्षक प्रतिनियुक्त हैं। वह भी भ्रमण के दौरान नहीं मिले। स्कूल की रसोइये ने कुछ अहम जानकारियां साझा की। उसने बताया कि स्कूल में केवल दो कमरे हैं, जिसमें से एक कमरे को गोदाम की तरह उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि कमोबेश झारखंड में स्कूलों की ऐसी ही स्थिति है।
ज्यां द्रेज ने आगे कहा कि झारखंड में 30 फीसदी स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है। एक शिक्षक के भरोसे पूरे स्कूल के बच्चे तो नहीं रह सकते। इस दुर्दशा पर कोई चर्चा क्यों नहीं हो रही है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने लोगों से अपील की कि ऐसी शिक्षा व्यवस्था का तब तक विरोध करें, जब तक सरकार इसे सुधार नहीं देती। शिक्षा के अधिकार कानून के तहत हर 30 बच्चों पर कम से कम एक शिक्षक होना अनिवार्य है। मगर झारखंड में तो 7 साल से शिक्षकों की बहाली ही नहीं हुई है।
उनका कहना है कि स्कूलों में पर्याप्त सुविधाओं की जरूरत है। सामग्री, शिक्षा, पढ़ाई, पोषण की व्यवस्था बच्चों का अधिकार है। इन मौलिक अधिकारों से बच्चों को वंचित रखकर बच्चों के साथ बेईमानी की जा रही है। यहां के बच्चे सक्षम हैं, पर बेहतर संसाधन न मिलने के वजह से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।