L19 DESK : झारखंड में मानव तस्करी के कई मामले सामने आते हैं। वजह से गरीबी, माता पिता अपनी बेटे या बेटी की पढ़ाई का खर्च नहीं उठा पाते, साथ ही परिवार चलाना भी उनके लिए बड़ी समस्या होती है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार 11 बच्चियों को आज रांची वापस लाया गया। राज्य बाल अधिकार और संरक्षण आयोग की टीम ने यह रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा किया। इस ऑपरेशन में 11 नाबालिग बच्चियों को मानव तस्करों के मुक्त कराया गया।
मानव तस्कर ऐसे घरों की तलाश में रहते हैं, मां – बाप को बहला कर उन्हें लालच देती है कि बेटी अच्छी कमाएगी, पैसे घर भी भेजेगी। इस लालच में माता पिता आसानी से आ जाते हैं। इन नाबालिग लड़कियों की कहानी भी कुछ ऐसी है कि वह बेहतर जीवन की तलाश में मानव तस्कर का शिकार बन गयीं। अब उन्हें राज्य बाल अधिकार और संरक्षण आयोग ने सुरक्षित बाहर निकाला है। राज्य सरकार इनके पुनर्वास , शिक्षा और रोजगार की भी व्यवस्था करेगी।
बेंगलुरु से हवाई जहाज के माध्यम से इन्हें रांची लाया गया है। साहिबगंज और पाकुड़ जिले की रहने वाली इन सभी बच्चियों को फिलहाल प्रेमाश्रय बालिका गृह में रखा गया है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी यहां से बच्चियों को कल इनके साहिबगंज और पाकुड़ जिले में स्थित उनके घर ले जाकर परिजनों को सौंपेंगी। पाकुड़ जिला के हिरणपुर थाना क्षेत्र से 25 व्यक्ति इस साल 7 जनवरी को बेंगलुरु गए थे। इनमें एक बालक समेत 11 नाबालिग बच्चियां भी थीं।
इन बच्चियों में सात पाकुड़ और चार साहिबगंज जिले की रहने वाली हैं। बेंगलुरु पुलिस ने इनके नाबालिग होने की वजह से डब्ल्यूसी, बेंगलुरु को सौंप दिया था। सीडब्ल्यूसी की जांच में पता चला कि ये सभी ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार हैं। सीडब्ल्यूसी, बेंगलुरु ने इन सभी बच्चियों को वापस उनके घर भेजने के लिए डीसीपीओ और बेंगलुरु पुलिस से संपर्क किया। इसके उपरांत उन्होंने रांची के जिला बाल संरक्षण अधिकारी से संपर्क साध पूरी जानकारी दी। इसके बाद राज्य बाल अधिकार और संरक्षण आयोग के द्वारा इन सभी बच्चियों को वापस लाने की सारी प्रक्रिया पूरी की और आज इन बच्चियों को सुरक्षित अपने राज्य वापस लाया गया। कल बच्चियां अपने घर पहुंचा दिया जाएगा।