L19 DESK : झारखंड एकेडमिक काउंसिल यानी JAC में बीते 18 जनवरी से ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद रिक्त पड़े हैं. दरअसल, पिछले अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का कार्यकाल 18 जनवरी को ही समाप्त हो गया है. जिसके बाद से ही दोनों पद खाली पड़े हैं. पद खाली होने की वजह से 8वीं से लेकर 12वीं तक की बोर्ड परीक्षाओं पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इसे लेकर अब राजनीति भी शुरु हो गई है. प्रदेश की सबसे बड़ी विपक्षी दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर हमला बोला है.
बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर लिखा
उन्होंने ट्वीट कर लिखा “जैक (JAC) अध्यक्ष का पद रिक्त होने के कारण लाखों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। करीब 21 लाख छात्र, जिनकी मैट्रिक-इंटर और अन्य बोर्ड परीक्षाएं तय समय पर होनी चाहिए थीं, वो जैक अध्यक्ष का पद रिक्त होने की वजह से बाधित हो सकती है। यदि समय पर परीक्षाएं नहीं हुईं, तो छात्रों को अगले शिक्षण सत्र में नामांकन लेने में भी काफी परेशानी होगी। इसी तरह JPSC अध्यक्ष का पद भी पिछले वर्ष अगस्त से रिक्त है, जिससे कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं लंबित हैं। हजारों अभ्यर्थी मानसिक और आर्थिक दबाव में हैं। वर्षों की मेहनत और तैयारी के बावजूद ये अभ्यर्थी अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। छात्रहित और रोजगार सृजन किसी भी सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। लेकिन, यह झारखंड का दुर्भाग्य है कि राज्य के छात्रों को ऐसी अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत जी से आग्रह है कि वे छात्रहित में इन रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति सुनिश्चित करें।“
जैक (JAC) अध्यक्ष का पद रिक्त होने के कारण लाखों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। करीब 21 लाख छात्र, जिनकी मैट्रिक-इंटर और अन्य बोर्ड परीक्षाएं तय समय पर होनी चाहिए थीं, वो जैक अध्यक्ष का पद रिक्त होने की वजह से बाधित हो सकती है। यदि समय पर परीक्षाएं नहीं हुईं, तो छात्रों को…
— Babulal Marandi (@yourBabulal) January 28, 2025