L19 DESK : चेरो और बथुड़ी का पोस्टर अनुज कुमार के निर्देशन पर बनी फिल्म ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो गया। झारखंड में इन दोनों फिल्मों की शूटिंग की गयी है। फिल्म चेरो और बथुडी के पात्र समाज से जुड़े लोग है। क्रू मेंबर भी झारखंड के ही हैं। नेशनल और इंटरनेशनल अवॉर्ड पा चुके अनुज कुमार बताते हैं कि यह एक ऐसी स्टोरी है जो अभी तक सामने नहीं आयी है। इन जनजातियों का निवास जंगल तक ही सीमित है। हमारी कोशिश लोगों तक उनकी कहानियां, जीवन शैली, गीत संगीत और कला संस्कृति को पहुंचाना है।
चेरो झारखंड और बथुडी झारखंड-ओडिशा की सीमा में पाये जाते
झारखंड के पलामू क्षेत्र में चेरो समाज रहते है। यह राज्य के आदिम जनजाति में से एक है। यह फिल्म बताती है कि चेरो एक योद्धा समुदाय होने के बाद भी अपने वर्चस्व को बचा कर नहीं रख पाया। अब वे आदिम जनजाति की श्रेणी में आ चुके हैं। इस फिल्म में चेरो जनजाति के ऐतिहासिक महत्व को दिखाया जाएगा। पहले राजवंश कैसा था, अभी कैसा है। वहीं बथुडी भी एक आदिम जनजाति है, जो झारखंड और ओडिशा की सीमा पर पाये जाते हैं। बथुडियों का अपना छग्गु नृत्य है। बथुडी एक कृषक समुदाय है और वे खुद को बलराम और सुभद्रा के वंशज बताते हैं।