L19/Laterhar : लातेहार जिला मुख्यालय में मात्र 2 स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में चयन किया गया। पहला बालक +2 और दूसरा बालिका +2 उच्च विद्यालय, पहले दोनों स्कूलों में पहले हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं नामांकन कर अपनी पढ़ाई पूरी करते थे। हालांकि इस वर्ष इन दोनों स्कूलों में मात्र 480 छात्र-छात्राएं ही नामांकन करा पाएंगे। जबकि उतीर्ण छात्रों की संख्या 2117,एसे में बाकी बच्चे इस स्कूल में पढ़ने से वंचित रह जाएंगे और उन्हे जिले के दुरदारज के स्कूल में जबरन जा कर अपनी पढ़ाई पूरी करनी पड़ेगी। लेकिन इस दौरान छात्राओं अधिक परेशानी उठानी पड़ेगी। क्यूंकि इन दोनों स्कूलों को छोड़ सभी स्कूल 7 से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह क्षेत्र अधिक सुनसान होने के साथ नक्सलवाद क्षेत्र भी है।
जल्दबाजी में निर्णय लेने के कारण विद्यार्थीयों को हो रही कई परेशानियाँ
मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय घोषित कर सीटों का निर्धारण तो कर दिया, और अब यहां सीबीएसई के पैटर्न पर पढ़ाई होगी। लेकिन जिन बच्चों का नामांकन यहां ना होकर सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में हो रहा है। जहां के विद्यालयों को अपग्रेड किया गया है,क्या वहां शिक्षकों की नियुक्ति की गयी। क्या वहां इंटर में विज्ञान संकाय के लिए पर्याप्त सभी चीजों की व्यवस्था किया जा रहा है। कॉमर्स के शिक्षक नियुक्त किए गए हैं, अधिकांश का अभी तक जवाब मांगा । तो क्या जिन बच्चों का नामांकन उत्कृष्ट विद्यालय में नहीं होगा उनका भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा उनके पढ़ाई कैसे पूरी होंगी। विभाग को पहले से इसकी तैयारी करनी चाहिए थी। बच्चों के शहरी क्षेत्रों में ही इंटर की पढ़ाई सुनिश्चित करनी चाहिए,क्योंकि बहुत से अभिभावक सुदूरवर्ती इलाकों में अपने बेटियों को भेजने से परहेज करेंगे।