L19/Hazaribagh : एनटीपीसी के पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना में भारत सरकार की शर्तों का उल्लंघन कर अवैध खनन किए जाने और सड़क मार्ग परिवहन किए जाने को लेकर की गई शिकायत पर केन्द्र ने झारखंड सरकार से कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगा था। पीसीसीएफ ने हज़ारीबाग फॉरेस्ट डिवीजन को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया। जिसे हज़ारीबाग़ फॉरेस्ट डिवीजन फाइलों को दबा दिया गया है। इस मामले में सवाल पूछने पर कोई भी अधिकारी कुछ बताने को तैयार ही नहीं हो रहा है। सब एक-दूसरे को पत्राचार और फाइल देखकर कुछ बताने की बात बता सवालों से बचने का कोशिश कर रहा है। दरअसल अवैध खनन पर वन विभाग और झारखंड सरकार केंद्र का निर्देश मिलने पर कार्रवाई को टाला जा रहा है।
केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार से अवैध खनन पर आईपीसी की धाराओं, बायोडाइवर्सिटी एक्ट 2002 तथा खान-खनन अधिनियमों के तहत कार्रवाई के लिए झारखंड सरकार को पत्र लिख था और कार्रवाई की जानकारी केंद्र को भेजने को कहा था। झारखंड सरकार के निर्देश पर पीसीसीएफ ने कार्रवाई के लिए हज़ारीबाग़ फॉरेस्ट डिवीजन को निर्देश दिया था, लेकिन दो महीने बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुआ। कोई यह बताने को तैयार नहीं है कि किसके दबाव/प्रभाव में कार्रवाई नहीं की जा रही।
एनटीपीसी द्वारा अवैध खनन के अलावे सड़क मार्ग से अवैध ट्रांसपोर्टेशन को लेकर एनटीपीसी, वन विभाग अपने ही दिए जवाब में उलझ गया है। किसी के पास कोई उचित जवाब नहीं है। सड़क मार्ग से कोयला परिवहन किए जाने का वन विभाग, एनटीपीसी और झारखंड सरकार के विरोधाभाषी जवाब और मंत्रालय के नियम-शर्तों का हवाला देकर मंटू सोनी ने झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह के माध्यम से केंद्र सरकार से लेकर झारखंड सरकार और एनटीपीसी सीवीओ को लीगल नोटिस 19 मार्च 2023 को भेजा है। अपने ही बयानों में फंसी वन विभाग, एनटीपीसी, झारखंड सरकार को जवाब नहीं दे पा रहा है। अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह ने नोटिस का रिमाइंडर भेजकर एक महीने के अंदर जवाब देने, के साथ यह कहा है जवाब नहीं देने की स्थिति में आरोपों को सत्य मानते हुए सभी को पार्टी बनाते हुए न्यायालय में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।