L19 DESK : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे मजदूरों के बचाव के लिये 17 दिनों से अभियान जारी है। मगर अब ये इंतजार खत्म होने की कगार पर है। किसी भी वक्त मजदूर बाहर निकाले जा सकते हैं। 400 से भी ज्यादा घंटे तक देशी विदेशी मशीनों और एक्सपर्ट ने मुश्किलों और चुनौतियों से भरे मिशन में हर बाधा को पार करते हुए बचावकर्मी मजदूरों तक पहुंच गए। मलबे में 800 एमएम की पाइप डालकर एक स्केप टनल बनाया गया जिसके जरिए मजदूरों ने बाहर निकालने की प्रक्रिया चल रही है।
टनल के बाहर पहले से तैनात एंबुलेंस के जरिए मजदूरों को अस्पताल ले जाया जाएगा। अस्पताल में हेल्थ चेक अप और आवश्यक इलाज के बाद मजदूरों को उनके घर भेजा जाएगा। दिवाली की सुबह हुआ था हादसाउत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चारधाम सड़क परियोजना (ऑलवेदर रोड) के लिए निर्माणाधीन सुरंग में रविवार को यह हादसा हुआ था। यमुनोत्री हाईवे पर धरासू से बड़कोट कस्बे के बीच सिलक्यारा से पौल गांव तक 4.5 किलोमीटर टनल निर्माण चल रहा है।
दिवाली के दिन तड़के चार बजे शिफ्ट चेंजिंग के दौरान सुरंग के मुहाने से करीब 150 मीटर अंदर टनल का 60 मीटर हिस्सा टूट गया और सभी मजदूर अंदर फंस गए।प्लंबर ने दी सबसे पहले हादसे की सूचनाहादसे के वक्त टनल के मुहाने के पास मौजूद प्लंबर उपेंद्र के सामने यह हादसा हुआ था। काम के लिए अंदर जा रहे उपेंद्र ने जब मलबा गिरते हुए देखा तो बाहर भागकर उसने शोर मचाया। इसके बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई।
सुरंग से पानी निकासी के लिए लगाई गई एक पौने चार इंच की पाइप लाइफलाइन साबित हुई। हादसे के बाद इसी पाइप के जरिए मजदूरों को ऑक्सीजन, पानी और खाने के लिए कुछ हल्के-फुल्के सामान भेजे गए। इसी पाइप के जरिए उन्हें जरूरी दवाएं भी दी गईं। हादसे के बाद 10वें दिन एक छह इंच की पाइप मजदूरों तक पहुंचाने में सफलता मिली, जिसके बाद उन्हें गरम खाना दिया जाने लगा। इसी पाइप के जरिए अंदर कैमरा भेजा गया और पहली बार अंदर का दृश्य दिखा।