L19 DESK : मंईयां सम्मान योजना की राशि जिन महिलाओं को अभी तक नहीं मिली है, अब उनके साथ साइबर फ्रॉड होने का खतरा बढ़ गया है. दरअसल, साइबर ठगों को, किसी को भी अपना शिकार बनाने के लिए जिन जानकारियों की जरूरत होती है वो अब सरकारी कार्यालयों के दीवार पर ठगों को आसानी मिल जा रहा है. वो महिलाएं जो मंईयां योजना के तहत पैसे नहीं मिलने के कारण पहले से ही परेशान हैं, वो किसी भी तरह से अपना नाम जुड़वाकर योजना का लाभ लेना चाहती हैं. ऐसे में इसी जल्दबाजी का फायदा अब साइबर ठग उठाएंगे और उसका जिम्मेदार सरकारी व्यवस्था और अधिकारी होंगे. मंईयां योजना में महिलाओं के साथ साइबर ठगी कैसे हो सकती है और इससे कैसे बचे.
देखिए, होली से पहले राज्य में बड़ी संख्या में महिलाओं के खाते में एक साथ, तीन महीने की सम्मान राशि 7500 रुपए सरकार ने महिलाओं के खाते में भेजे. लेकिन इस दौरान लगभग 18 से 19 लाख उन महिलाओं के खाते में पैसे नहीं गए जिन्हें इस योजना का लाभ पहले मिल रहा था. ऐसे में उन महिलाओं की होली की खुशी में सरकार ने थोड़ी मायूसी ला दी. हालांकि, सरकार ने कहा कि जिन भी महिलाओं के खाते में पैसे नहीं गए हैं, उनके खातों में कुछ गड़बड़ियां होंगी, वो सुधार कर लिया जाए तो उन्हें पैसे दोबारा मिलने शुरू हो जाएंगे. गड़बड़ियां कहां-कहां हो सकती है ये भी सरकार की ओर से बताया गया जैसे कि हो सकता है महिलाओं का खाता आधार से लिंक नहीं हुआ होगा, बैंक खाता में DBT यानी Direct Benefit Transfer चालू नहीं होगा, आधार और बैंक में नाम के Spelling में कुछ अंदर होगा, ऐसी कई और गड़बड़ियों का जिक्र सरकार की ओर से किया गया और कहा गया कि इस वजह से महिलाओं के खाते में पैसे नहीं जा रहे हैं, इसे सुधार कर लिया जाएगा तो पैसे खाते में जाने शुरू हो जाएंगे.
ऐसे में बड़ी संख्या में महिलाएं प्रखंड कार्यालय में अपनी गड़बड़ी की जानकारी लेने के लिए पहुंचने लगी. कार्यालय में महिलाओं की भीड़ हर रोज बढ़ने लगी, ऐसे में बोकारो और धनबाद जिला के प्रखंड कार्यालयों के बाबूओं ने परेशान होकरलाभ से वंचित महिलाओं की पूरी जानकारी दीवार पर चिपका दी. दीवार में महिलाओं से जुड़ी जो जानकारी चिपकाई गई उसमें महिला का पूरा पता, मोबाइल नंबर और बैंक खाते की भी पूरी जानकारी दे दी गयी है. अब आप सोचिए, एक साइबर ठग को जितनी जानकारी किसी को ठगने के लिए काफी होते हैं उससे कई ज्यादा जानकारी प्रखंड कार्यालय के बाबूओं ने उन ठगों को दीवार पर चिपका कर दे दिया.
बहरहाल, इतनी जानकारी के साथ एक साइबर ठग मंईयां योजना के नाम पर महिलाओं से कितनी की ठगी कर सकता है ये किसी से छिपा हुआ नहीं है. मंईयां योजना के नाम पर ठग, कितने महिलाओं के खाते से कितने की ठगी कर सकते हैं, इसका जरा भी अंदाजा अधिकारियों को नहीं लगा और उन्होंने पूरी जानकारी के साथ महिलाओं की सूची दीवार पर लगा दी. हालांकि, अब इसका महिलाओं के द्वारा विरोध शुरू हो गया है, उनका भी मानना है कि इस तरह सारी जानकारी दीवार में चिपका देने से साइबर क्राइम बढ़ेगा. खैर, इस पर सरकार और बड़े अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं वो देखने वाली बात होगी लेकिन इस तरह, महिलाओं से जुड़ी सारी जानकारी को पबिल्किली कर, प्रखंड कार्यालय बड़ी साइबर ठगी को न्योता दे रहे हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है.
बहरहाल, जिन भी महिलाओं को अभी तक मंईयां सम्मान के पैसे नहीं मिले हैं, उन्हें पैसे जल्द मिलेंगे, बस कुछ गड़बड़ियां हैं उन्हें लाभुक सुधार करा लें और सम्मान राशि का लाभ ले, ये सरकार का कहना है. दरअसल, जिन महिलाओं को पैसे नहीं मिले हैं, उनमें से ज्यादातर लाभुकों का बैंक खाता आधार से सीडिंग नहीं है, पता में भी गड़बड़ी है. इस वजह से लाभुक सत्यापन के दायरे में आ गयी हैं. इन सबको लेकर अलग-अलग प्रखंड और अंचलों को वैसी लाभुकों की सूची भेजी गयी है और उनको अपने कागजात ठीक कराने के लिए कहा गया है. लेकिन भारी भीड़ को देखते हुए उस सूची को लगभग सभी जगह सार्वजनिक तौर पर चिपका दिया गया है ताकि लाभुकों से कहा जा रहा है कि वह सूची में अपना नाम देखकर अपने कागजात दुरुस्त कराएं. लेकिन अब उन्हें साइबर ठगी का भय सताने लगा है.