L19/Desk : झारखंड पुलिस ने ”ऑपरेशन ऑक्टोपस” के तहत लातेहार और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों के कब्जे से मुक्त कर लिया है । साथ ही बूढ़ा पहाड़ में अभियान शुरू करने के लिए कई फॉरवर्ड कैंप भी बनाए है । इस बीच सूचना मिली है कि बूढ़ा पहाड़ से भागने के बाद एक दर्जन से अधिक बड़े इनामी नक्सलियों ने पलामू, चतरा और लातेहार सीमावर्ती इलाकों को अपना नया ठिकाना बनाया है ।
इन इलाकों में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के कमांडर और 25 लाख के इनामी गौतम पासवान, 15 लाख के इनामी मनोहर गंझू और नीरज खरवार, 10 लाख के इनामी अरविंद मुखिया और सुनील यादव के नेतृत्व में दस्ता क्रियशील है । वहीं प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति समिति के टॉप कमांडर और 15 लाख के इनामी आक्रमण गंझू और 10 लाख के इनामी शशिकांत के नेतृत्व में भी दस्ता सक्रिय है। साथ ही झारखंड जनमुक्ति परिषद के 10 लाख के इनामी पप्पू लोहरा और 5 लाख के इनामी सुनील उरांव के नेतृत्व में दस्ते ने डेरा डाला है ।
पुलिस ने दो इनामी नक्सली को किया था गिरफ्तार
झारखंड पुलिस को बूढ़ा पहाड़ से भागे दो बड़े नक्सलियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली । लातेहार पुलिस ने कुछ दिन पहले ही भाकपा माओवादी संगठन के दो टॉप नक्सली कमांडर संजीवन और कुंदन को हिरासत मे लिया था । मिली जानकारी के मुताबिक , दोनों नक्सली लातेहार, पलामू और चतरा के सीमावर्ती क्षेत्रों में भाकपा माओवादी संगठन का दल तैयार कर लेवी वसूलने की प्लानिंग चल रही थी । नक्सली संजीवन पर 10 लाख और कुंदन पर 5 लाख रुपये का इनाम रखा गया है ।
युद्धस्तर पर जारी है नक्सल विरोधी अभियान
बात दे है कि झारखंड में पिछले कुछ सालों से युद्धस्तर पर नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है । ऑपरेशन बुल और ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत नक्सल ठिकानों को खोज कर नष्ट किया जा रहा है । ऑपरेशन ऑक्टोपस के दौरान झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ को नक्सलमुक्त किया गया । कोल्हान के जंगलों में भी नक्सली ठिकानों को ढूंढ़कर खत्म किया गया । इसके बाद घने और दुर्गम जंगली इलाकों में सुरक्षाबलों का कैंप लगाया गया है । राज्य सरकार ने बूढ़ा पहाड़ पुनर्विकास परियोजना शुरू कर दिया है ।भारी तदात में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है ।