L19/ DESK : पिछले दिनों दुमका से एक खबर आती है कि जनसेवक साह नामक एक नटवरलाल ने दुमका की एक विवाहिता महिला को दिल्ली के किसी कोठे में बेच दिया। इस संबंध मे जब पुलिस ने जनसेवक साह की गिरफ्तारी की गई और उससे बयान कबूला तो कई बेहद चौंकाने वाले बातें सामने आई। साह ने बताया कि वह पिछले कई सालों से दुमका से बाहर व अलग अलग इलाकों में चोरी छिपे रह रहा था और उसने पहली पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी गोमिया से की थी।जनसेवक ने अपना नाम भी बदल रखा था और बदले हुए नाम जयप्रकाश साह के नाम पर आधार कार्ड भी बनवाया लिया था। जनसेवक को बीते दिनों धनबाद रेलवे स्टेशन पर दुमका की एक विवाहिता महिला मिली थी,जिसे उसने बहला फुसलाकर व प्रलोभन देकर एक दो दिनों के लिए अपने पास रखा और फिर अपने एक मित्र महतो के साथ बेचने की योजना बनाई।
महतो ने दिल्ली में रहनेवाले संतोष को इस महिला के बारे बताया, संतोष ने मामला को समझते हुए उस विवाहिता महिला को दिल्ली में बेच दिया। बाद मे उस विवाहिता महिला के पति के द्वारा उसकी पत्नी का लापता का केस पुलिस थाने मे दर्ज की गई थी उसी सिलसिले मे महिला का पोस्टर दुमका के विभिन्न जगहों पर लगवाया गया, जिसमें ईनाम देने की भी बात कही गई। पोस्टर देखकर जनसेवक शाह लालच में आ गया और उस पोस्टर में दिए गए फोन नंबर पर कॉल करके बताया कि महिला के बारे मे वह जानता है अगर इनामी राशि उसे मिली तो वह महिला को खोजकर लाने का वादा करता है। इसके लिए उसने महिला के पति को पहले उसके खाते में 60 हजार रुपए डालने को कहा, पर महिला के पति ने पैसा हाथ में देने की बात कही। तब उसने उस शख्स को बताया कि उसकी पत्नी दिल्ली में है वह डेढ़ लाख रुपए लेकर आए। महिला के पति ने दिल्ली जाकर 60 हजार रूपये दिया, तब भी संतोष ने उसकी पत्नी को नही छोड़ा।
ऐसे में जनसेवक साह ने महिला के पति को धनबाद बुला लिया और बाकी पैसा देने को कहा। तब महिला के पति 50 हजार रुपए लेकर धनबाद पहुंचा और बताए गए जगह पर यह कहकर बाकी पैसा रखवा लिया कि उसकी पत्नी एक दो दिन में मिल जाएगी, परंतु पत्नी नही मिली तो वह पुलिस में शिकायत की बात कही। इधर संतोष भी उस महिला के बारे मे बताने से इंकार करने लगा। उधर जनसेवक पुलिस के डर से धनबाद, कोडरमा, बोकारो, रांची, गया, बनारस के स्टेशनों में छुपते रहे, पर जब दुमका कोर्ट में वह अपनी पहली पत्नी द्वारा किए गए केस में पैसेंजर ट्रेन से आ रहा था, तब पुलिस ने उसे जामा स्टेशन पर ही दो अप्रैल को उतार दिया था।
नौकरी के नाम पर भी कई लोगों से पहले भी कर चुका है ठगी
इससे पहले भी जनसेवक साह नौकरी देने के नाम पर कई बार जेल जा चुका है, यही वजह है कि उसे दुमका शहर तक छोड़ना पड़ा है। 2002 में गोशाला के पास रहनेवाले आनंद गुटगुटिया के साथ लॉटरी का अवैध धंधा भी कर चुका है। इसी बीच 2004 में पहली पत्नी के नाम से किस्त पर एक टेंपू भी खरीदा था और उस टेंपू से अवैध रूप से किरासन तेल बेचने के धंधा भी किया, जिसमे रंगेहाथ पकड़ा भी गया था। 2009 में उसने दूसरी शादी भी की, जिस कारण पहली पत्नी ने 2010 में केस भी की थी, उसी केश की सुनवाई के लिए धनबाद आ रहा था जहां पुलिस ने रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया।
जनसेवक साह ने गोमिया में रहते हुए जयसाह पिता गोयल साह से संपर्क हुआ और जयकांत साह, मनोज सिंह, गुड्डू सिंह, मोहन हंसदा के साथ मिलकर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर पैसा ठगने का धंधा शुरू किया 2015 में अपने ही दूर के रिश्तेदार संतोष कुमार से नौकरी दिलाने के नाम पर दो लाख रुपए की ठगी की। 2017 में संजय गुप्ता को भी नौकरी दिलाने के नाम पर दो लाख रुपए ठगा, जिस पर दुमका नगर थाना में केस भी दर्ज है। इस धोखाधड़ी के मामले में जनसेवक साह तीन माह जेल में भी रहे हैं। जेल से निकलते ही फिर से ठगी के गोरखधंधे में लग गया और ऐसे किसने भोले भाले लोगों को ठगा। जिसमें खाठीकुंड के रमेश प्रसाद साह से संपर्क होने पर दो-तीन आदमी से नौकरी के नाम से करीब 2.50 लाख रुपए की ठगी की।2018, 2019 में पाकुड़ जिला के राजेश कुमार से 75 हजार रूपये ठगी करने व हजारीबाग के हजारी प्रसाद जायसवाल से करीब 2.50 लाख ठगी करने के बाद दो चेक बाउंस होने के मामले में पीसीआर केस दर्ज हुआ है। इस घटना के बाद पूरे दुमका में यह चर्चा का केंद्र बिंदु बन गया है।