L19/Ranchi : प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष और पश्चिमी सिंहभूम से सांसद गीता कोड़ा कांग्रेस से दूर हटती नजर आ रही हैं। ऐसा इसलिये कहा जा रहा है क्योंकि हाल के दिनों में पार्टी के कार्यक्रम में वह शामिल नहीं हुईं। यही नहीं, प्रभारी अविनाश पांडे झारखंड प्रवास में पहुंचे, तब भी गीता कोड़ा किसी बैठक में शामिल नहीं हुईं। इस संबंध में जब पार्टी के नेताओं ने सांसद से संपर्क साधा तो जानकारी मिली कि वह कहीं बाहर हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी संगठन को लेकर कई बैठकें की, मगर सांसद ने उपस्थिति दर्ज नहीं की। बता दें, गीता कोड़ा को 6 जिलों की सांगठनिक जिम्मेदारी दी गयी है। इसमें रांची, बोकारो, धनबाद, लातेहार, पूर्वी सिंहभूम और जामताड़ा शामिल है। इसके साथ ही उन्हें स्थनीय नेताओं के साथ समन्वय स्थापित कर लोकसभा व विधानसभा चुनाव के लिए संगठन को मजबूत करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है। हालांकि, वह जिलों का दौरान नहीं कर पा रही हैं।
वहीं, दूसरी ओर राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा लगातार तेज होती नजर आ रही है कि गीता कोड़ा पार्टी बदल सकती हैं। आगामी चुनावों में वह भाजपा की सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। इसका अंदाजा कांग्रेस के कई आला नेताओं को भी हो रहा है। और यदि ऐसा होता है, कांग्रेस को भी अपनी रणनीति बदलनी होगी। हालांकि, सांसद कोड़ा ने इस विषय पर अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं दी है।
कांग्रेस के पास इस सीट पर भी कोई दूसरा मजबूत दावेदार नहीं है। वहीं, झामुमो भी इस सीट पर अपनी दावेदारी कर रहा है। इस सीट पर झामुमो के कई दावेदार हैं। सांसद गीता कोड़ा के पाला बदलने की सूरत में कोल्हान की राजनीति में उलटफेर होना तय है। बदली हुई परिस्थिति में कांग्रेस पश्चिमी सिंहभूम से शिफ्ट होकर जमशेदपुर के लिए अपनी दावेदारी कर सकती है।
गौरतलब है, पिछले दिनों प्रभारी अविनाश पांडेय झारखंड दौरा के क्रम पार्टी नेताओं के साथ बैठक की थी। इसमें पार्टी नेताओं के सांगठनिक कार्योें की समीक्षा भी हुई। प्रभार वाले जिला में संगठन के कार्यों की समीक्षा की गयी। प्रखंड व बूथ स्तर पर संगठन के काम को तेज करने निर्देश दिया था। कार्यकारी अध्यक्षों से भी जिलावार रिपोर्ट लिया गया था। वहीं, संगठन की बैठक में सांसद गीता कोड़ा को लेकर भी चर्चा हुई थी।