L19 DESK : टाउन हॉल, लातेहार में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएलआरएम) के तहत 10 दिवसीय आवासीय जलसहिया / मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इस अवसर पर झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद, विभाग के प्रधान सचिव मस्त राम मीणा, स्वच्छ भारत मिशन की डायरेक्टर डॉ. नेहा अरोड़ा और भारतीय हरित सेवा के परियोजना निदेशक एवं सलाहकार सी. श्रीनिवासन का पौधा देकर स्वागत किया गया.
कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ मंत्री योगेंद्र प्रसाद, डायरेक्टर डॉ. नेहा अरोड़ा, परियोजना निदेशक सी. श्रीनिवासन एवं उपायुक्त लातेहार उत्कर्ष गुप्ता द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. इस अवसर पर उपायुक्त लातेहार ने मंत्री को स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट कर सम्मानित किया.
वहीं, अपने संबोधन में मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि लातेहार झारखंड का पहला जिला होगा, जहां सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएलआरएम) कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी. मंत्री ने यह भी घोषणा की कि वे 45-50 दिनों के भीतर लातेहार दोबारा आएंगे और इस कार्यक्रम की प्रगति को देखेंगे.
प्रशिक्षण कार्यक्रम में पर्यावरण विशेषज्ञ सी. श्रीनिवासन ने अपशिष्ट प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि उद्यान अपशिष्ट, मछली बाजार अपशिष्ट, सब्जी अपशिष्ट आदि का प्राथमिक पृथक्करण स्रोत पर और द्वितीयक पृथक्करण एसएलआरएम केंद्रों पर किया जाता है. जबकि तृतीयक पृथक्करण एक सामान्य केंद्र पर होता है.
वहीं, प्रधान सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मस्त राम मीणा ने कहा कि आज के समय में पर्यावरण संरक्षण हेतु ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन की तकनीकों को अपनाना अनिवार्य है. उन्होंने हरित एवं स्वच्छ झारखंड के लक्ष्य को साकार करने के लिए कचरा प्रबंधन की आधुनिक प्रक्रिया अपनाने पर बल दिया.
कार्यशाला को संबोधित करते हुए स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक डॉ. नेहा अरोड़ा ने कहा कि लातेहार जिला पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है. उन्होंने कहा कि लातेहार, एक विकसित पर्यटन स्थल के रूप में पहचाना जाता है, और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन आज की आवश्यकता बन गई है. इससे लातेहार जिला स्वच्छ और सुंदर बनेगा. डॉ. अरोड़ा ने विश्वास जताया कि अगले एक वर्ष में लातेहार स्वच्छता के सभी मानदंडों को पूरा कर “5-स्टार जिला” के रूप में विकसित होगा. उन्होंने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.
लातेहार उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता ने जिले को शून्य-अपशिष्ट बनाने के लक्ष्य पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत जिले को एक स्वच्छ, हरा-भरा और कचरा मुक्त क्षेत्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है. कचरे के उचित प्रबंधन से पर्यावरण प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे जिले में स्वच्छता के साथ-साथ सतत विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
230 जलसहिया व 60 SHG महिलाओं को मिल रहा प्रशिक्षण
आपको बता दें कि 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के सभी पंचायतों से 230 जलसहिया एवं नगर पंचायत की 60 SHG महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. ये प्रशिक्षु मास्टर ट्रेनर के रूप में अपने-अपने क्षेत्रों में अन्य लोगों को भी प्रशिक्षित करेंगे, जिससे यह कार्यक्रम जमीनी स्तर तक प्रभावी रूप से लागू हो सके.
इस कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
इस अवसर पर उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता, पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव, डिप्टी डायरेक्टर पीटीआर ब्रजेश कांत जेना, उप विकास आयुक्त सुरजीत कुमार सिंह, परियोजना निदेशक आईटीडीए प्रवीण कुमार गगरई, अपर समाहर्ता रामा रविदास, जिला परिवहन पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी अजय कुमार रजक, जिला आपूर्ति पदाधिकारी रश्मि लकड़ा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेम्ब्रम, उपनिर्वाचन पदाधिकारी मेरी मड़की, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. चंदन,कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता दीपक महतो, गोपनीय पदाधिकारी श्रेयांस सहित अन्य उपस्थित थें.