L19 DESK : मिड डे मील घोटाले के आरोपी संजय तिवारी ने ईडी कोर्ट के समक्ष खुद को सरेंडर किया । पीएमएलए की विशेष अदालत ने 31 मार्च को संजय तिवारी के खिलाफ वारंट निकाला था। जिसके बाद ईडी उसकी तलाश में थी। वारंट मिलने के बाद एजेंसी संजय तिवारी की गिरफ्तारी की कोशिस कर रही थी ।
25 मार्च को कोर्ट में करना था सरेंडर
संजय तिवारी को सुप्रीम कोर्ट ने प्रोविजनल बेल दी थी। जिसकी अवधि खत्म हो गयी थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, 25 25 मार्च को संजय तिवारी को कोर्ट में सरेंडर करना था । हांलाकी सरेंडर से बचने के लिए उसने गलत कोविड रिपोर्ट रांची के पीएमएलए कोर्ट को दी थी । जब ईडी के रांची जोनल ऑफिस ने रिम्स के इलाज संबंधी कागजात और कोविड सर्टिफिकेट की जांच की तो पाया कि इलाज से संबंधित जो सूचना और कोविड सर्टिफिकेट संजय ने दी थी, वो फर्जी थी। इसी मौके का फायदा उठाकर संजय तिवारी फरार होने में कामयाब हो गया। फर्जी कोविड रिपोर्ट को लेकर रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक ने संजय तिवारी के खिलाफ बरियातू थाना में एफआईआर दर्ज किया है।
34 खातों में अवैध तरीके से स्थानांतरित किये थे पैसे
बता दें कि मिड डे मील के करीब 100 करोड़ एसबीआई धुर्वा ब्रांच से भानू कंस्ट्रक्शन के 34 खातों में अवैध तरीके से भेजा गया था । इसको लेकर पहले धुर्वा थाना में एफआईआर दर्ज हुई थी। बाद में मामले की जांच सीबीआई ने ले ली। साल 2021 में ईडी ने कांड संख्या ECIR 3/2021 दर्ज कर केस टेकओवर किया। संजय तिवारी के साथ राजू वर्मा और सुरेश कुमार भी इस केस में शामिल है।