शुक्रवार को चंद्रयान-3 भेजा जायेगा अंतरिक्ष में, उल्टी गिनती शुरू
L19/DESK : चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से मिशन मून के तहत शुक्रवार 14 जुलाई को अंतरिक्ष भेजा जायेगा। झारखंड के लिए यह पल ऐतिहासिक होनेवाला है, क्योंकि राज्य की तीन बड़ी कंपनियों ने चंद्रयान-3 के लांच पैड से लेकर कई अव्ययों का निर्माण किया है। चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण को लेकर उल्टी गिनती गुरूवार को शुरू हो गई। इस मिशन के तहत लैंडर विक्रम को चंद्रमा की सतह पर 23 या 24 अगस्त को उतारा जा सकता है। इसरो के बोर्ड ने भी प्रक्षेपण की अनुमति दे दी है।
झारखंड में संचालित तीन कंपनियों ने मिल कर इसरो के लिए लॉन्च पैड से लेकर कई महत्वपूर्ण उपकरणों का निर्माण किया। समय पर इसरों को उपकरणों की आपूर्ति कर चंद्रयान मिशन को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई। चंद्रयान मिशन के लिए मेकॉन लिमिटेड, टाटा स्टील और एचइसी ने कई उपकरण बनाये हैं। लॉन्च पैड सहित कई महत्वपूर्ण उपकरणों का कागज पर डिजाइन से लेकर 84 मीटर ऊंचे लॉन्च पैड तक सब कुछ झारखंड में तैयार हुआ है।
चंद्रयान मिशन के लॉन्च का अहम हिस्सा माने जा रहे एसएलपी का ड्राइंग-डिजाइन रांची के मेकॉन लिमिटेड ने किया है। इसके निर्माण के लिए जरूरी कई उपकरण एचईसी में बने हैं। वहीं एसएलपी के खास हिस्से, बोगी सिस्टम के लिए विशेष स्टील और कई उपकरण सरायकेला के गम्हरिया स्थित टाटा ग्रोथ शॉप में बने हैं। इसरो के लिए जिस किसी उपकरण का निर्माण एचईसी और टाटा कंपनी ने किया है, उन सभी उपकरणों का ड्राइंग डिजाइन मेकॉन की टीम ने तैयार किया है।
एचईसी ने विशेषकर दूसरे लॉच पैड की बुनियादी ढांचे का निर्माण कर समय पर आपूर्ति किया। एचईसी ने 400/60 टन, 200/30 टन इओटी क्रेन, 10 टन टावर क्रेन, फोल्डिंग कम वर्टिकली रिपोजिशनेबल प्लेटफार्म, स्लाइडिंग दरवाजे, मोबाइल लांचिंग पेडस्टल (वजन 800टन), 6-एक्सिस सीएनसी डबल कॉलम वर्टिकल टर्निंग और बोरिंग मशीन, 3-एक्सिस सीएनसी सिगल कॉलम वर्टिकल टर्निंग एंड बोरिग मशीन की आपूर्ति की है।
मेकॉन द्वारा डिलाइन किया गया लॉन्च पैड पूरी तरह स्वदेशी है। एसएलपी में वर्तमान और भावी पीढ़ी के उन्नत सैटेलाइट लॉन्च करने की क्षमता है। मेकॉन के अफसरों के अनुसार एसएलपी प्रोजेक्ट के लिए मेकॉन प्रबंधन ने मुख्य बिल्डिंग के विंग बी के पांचवें फ्लोर पर यूनाइटेड विंग बनाया था। मेकॉन को उपकरण बनाने के लिए किसी भी एजेंसी से कोई इनपुट नहीं मिला था। मेकॉन ने पहली बार खुद से डिजाइन और ड्राइंग तैयार किया।