Ranchi : झारखंड भवन से जुड़े विवाद पर loktantra19.com की खबर का सीधा असर झारखंड विधानसभा में देखने को मिला। सदन की शुरुआत होते ही नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस पूरे मामले को जोरदार तरीके से उठाया और सरकार से इस पर स्पष्ट जवाब की मांग की।

(सदन में Loktantra19 की खबर को दिखाते नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी)
इसे भी पढ़ें – आलोक कुमार दुबे और लाल किशोरनाथ शाहदेव सिर्फ कांग्रेस के सदस्य नहीं हैं, बल्कि रामेशवर उरांव के परिवार के भी सदस्य हैं!
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड भवन में ठहरने को लेकर जिस तरह से नियमों की अनदेखी का मामला सामने आया है, वह बेहद गंभीर है। उन्होंने सदन में यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि अब तक झारखंड भवन में कौन-कौन लोग रुके हैं, इसकी पूरी सूची सार्वजनिक की जाए और निष्पक्ष जांच कराई जाए।
नेता प्रतिपक्ष ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब झारखंड भवन में ठहरने के लिए स्पष्ट नियम तय हैं, तो फिर किन आधारों पर कुछ लोगों को वहां रुकने की अनुमति दी गई। उन्होंने इसे नियमों के दुरुपयोग से जोड़ते हुए कहा कि सरकार को इस पूरे मामले में पारदर्शिता के साथ जवाब देना चाहिए। गौरतलब है कि कल ही हमने Loktantra19.com पर यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी, जिसके बाद अब यह मुद्दा सीधे विधानसभा तक पहुंच गया है।

क्या था मामला?
इस पूरे मामले का खुलासा पहले Loktantra19.com की रिपोर्ट के माध्यम से हुआ था। pf रिपोर्ट के अनुसार आलोक कुमार दुबे और लाल किशोरनाथ शाहदेव – जिन्हें कांग्रेस के नेता/पदाधिकारी के रूप में जाना जाता है – को लेकर यह दावा सामने आया था कि वे सिर्फ कांग्रेस के सदस्य ही नहीं, बल्कि दस्तावेज़ों में उन्हें रामेश्वर उरांव का “पारिवारिक सदस्य” भी बताया गया।
यह पूरा मामला नए झारखंड भवन, नई दिल्ली में ठहरने से जुड़ा है। नियमों के अनुसार झारखंड भवन में निजी भुगतान आधार पर कमरे केवल वर्तमान या पूर्व सरकारी पदाधिकारियों के परिवार के सदस्यों को ही दिए जा सकते हैं। लेकिन Loktantra19.com की रिपोर्ट में यह सामने आया था कि आलोक कुमार दुबे और लाल किशोरनाथ शाहदेव को दस्तावेज़ों में रामेश्वर उरांव का पारिवारिक सदस्य बताया गया, ताकि उन्हें झारखंड भवन में ठहरने की अनुमति मिल सके। इसी बिंदु से पूरे विवाद की शुरुआत हुई।
