L19/Bokaro : पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के चौरा गांव में हुई आदिवासी संताल समाज के जिला सचिव सुरेश मुर्मू की निर्मम हत्या। यह हत्या मामूली नहीं है। बल्कि इसके पीछे बिल्डरों का पूरी तरह से हाथ है। पुलिस और प्रशासन के संरक्षण में इस प्रकार की घटना को अंजाम दिया गया है। पीड़ित परिवार के लोगों 15 दिन पहले ही उनकी 81 डिसमिल जमीन पर कब्जा करने को लेकर जान से मारने की धमकी देने की जानकारी बोकारो एसपी और डीसी दी गई थी। लेकिन पुलिस ने पीड़ित परिवार की बात को नहीं सुनी। जिस कारण सुरेश की हत्या कर दी गई। उक्त बातें भाजपा के वरीष्ठ नेता डॉ प्रकाश ने चौरा गांव में पीड़ित परिवार से बातचीत के दौरान कहीं।
जमीन पर कब्जा करने की नियत से एक आदिवासी व्यक्ति की जान ली
आदिवासियों के हितों की रक्षा का दावा करने वाली हेमंत सरकार के रहते हुए राज्य के आदिवासी अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। भू माफिया ने आदिवासी जमीन पर कब्जा करने की नियत से एक आदिवासी व्यक्ति की जान ले ली है। सीएनटी जमीन का दावा करने वाले मृतक सुरेश कुमार मुर्मू के परिजनों ने जिला प्रशासन पर भू माफियाओं के ऊपर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। मामला पिंडाजोरा थाना क्षेत्र के तेलीडीह मौजा में खाता संख्या 309 में 81 डिसमिल जमीन है।
बीजीएच में इलाज के दौरान सुरेश मुर्मू कि हुई मौत
इसे अपनी पुश्तैनी जमीन बताने वाले धनंजय मुर्मू ने बताया कि सुबह जब अपनी जमीन में गए तो कुछ और ही देखने को मिला। भू माफियाओं द्वारा जेसीबी लगाकर काम किया जा रहा था। माना करने पर वहां से मजदूर भाग गए। लेकिन कुछ देर के बाद भू माफिया के लोग हथियार से लैस होकर पहुंचे और सुरेश कुमार मुर्मू और उसके परिजनों के ऊपर हमला कर दिया। जिसमें 6 से अधिक लोग घायल हो गए। आनन-फानन बोकारो सदर अस्पताल पहुंचाया गया। सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने सुरेश मुर्मू को गंभीर बताते हुए बीजीएच भेज दिया। जहां बुधवार की देर रात उसकी इलाज के क्रम में मौत हो गई।
जिला प्रशासन हमारी बातों को गंभीरता से लेती तो आज यह घटना नहीं होती
मौत की खबर सुनते ही कई आदिवासी नेता व समाज के लोग बोकारो जनरल अस्पताल पहुंचे और चेतावनी देते हुए भू माफिया की गिरफ्तार की मांग की प्रशासन से की। धनंजय मुर्मू ने बताया कि इस हमले में उसके परिवार के अलावा अन्य सदस्य भी बुरी तरह से घायल हैं। सुरेश मुर्मू की मौत हो चुकी है। कहा कि जिला प्रशासन हमारी बातों को गंभीरता से नहीं ले रहा है। उन्हें भू माफियाओं द्वारा जान मारने की धमकी दी गई थी। इस पर कार्रवाई की बात को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के पास लिखित आवेदन देकर गुहार लगाई थी। एक दिन पूर्व भी थाने में आवेदन भी दिया गया था। मगर कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रशासन अगर कार्रवाई करता तो स्थिति अलग होती। आरोपियों कि गिरफ़्तारी को ले कर लोगों ने किया सड़क जाम।