L19 DESK : क्या देश में परिसीमन का नया ड्राफ्ट सच में लोकतंत्र की भावनाओं के खिलाफ है? आखिर झामुमो ने देश में परिसीमन को लेकर तैयार किए जा रहे ड्राफ्ट पर सवाल क्यों खड़े किए हैं? और क्या परिसीमन के बाद झारखंड में लोकसभा की सीटें 14 से बढ़कर 24 हो जाएंगी? और सबसे बड़ा सवाल क्या भाजपा अपनी सत्ता को ध्यान में रखकर परिसीमन कर रही है? और देश में परिसीमन कब से लागू होगा. और नए परिसीमन के बाद देश में कुल लोकसभा सीटों की संख्या कितनी हो जाएगी.
दरअसल, 8 मार्च, 2025 यानी बीते कल, झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक प्रेस वार्ता की. इस प्रेस वार्ता में उन्होंने देश में परिसीमन को लेकर तैयार किए जा रहे ड्राफ्ट पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा अपनी सत्ता यानी राजनीति को ध्यान में रखते हुए परिसीमन करना चाहती है. जिसका जेएमएम हर स्तर पर विरोध करेगी.
उन्होंने कहा कि साल 2026 के बाद पूरे देश में परिसीमन होगा. इससे पहले हुए साल 1976 और साल 2008 के परिसीमन का भी जिक्र सुप्रीयो ने किया. उन्होंने कहा कि दोनों बार जब परिसीमन हुई तो लोकसभा के सीटों में कोई बढ़तोरी नहीं हुई, मसलन दोनों समय लोकसभा की कुल संख्या 543 ही रही. क्योंकि संविधान का आर्टिकल 81 स्पष्ट रूप से कहता है कि देश के सांसद में अधिकतम 530 सदस्य होंगे और केंद्र शासित राज्य से 20 होगा. यानि लोकसभा में सदस्यों की संख्या 550 होगी. लेकिन इस बार जो ड्रॉफ्ट की बातें सामने आ रही है, वह चौंकाने वाले हैं. सुप्रियो ने कहा कि नए ड्रॉफ्ट में लोकसभा की संख्या को बढ़ाकर 846 करने की बात सामने आ रही है. ऐसे में झामुमो ने साल 2008 में हुए परिसीमन के विरोध में भी आंदोलन किया था. तब जाकर केंद्र सरकार ने झारखंड और नॉर्थ ईस्ट को इससे अलग रखा था. अगर, जरूरत पड़ी तो झामुमो एक बार फिर उसी तरह का आंदोलन करेगी.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने अपने पीसी में यह भी बताया कि नए परिसीमन के बाद किस राज्य में कितने लोकसभा की सीटें हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि परिसीमन के बाद झारखंड में 14 लोकसभा सीटें बढ़ कर 24 हो जाएंगी, उत्तर प्रदेश में फिलहाल जो 80 सांसद हैं, वो बढ़ कर 143 हो जाएंगे, बिहार में सांसदों की संख्या 40 से बढ़ कर 79, मध्यप्रदेश में लोकसभा सीटें 29 से बढ़ कर 52 हो जाएंगे, गुजरात में 26 से बढ़ कर 43, राजस्थान में 25 से बढ़ कर 50, महाराष्ट्र में 48 से बढ़ कर 76, तामिलनाड्डू में 39 से बढ़ कर 49, कर्नाटक में 28 से बढ़ कर 41, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 42 से बढ़ कर 54, की बात चल रही है. इसके हिसाब से 10 राज्य की कुल सीट बढ़ कर 647 हो जायेगी. यह कुल सीट का लगभग 77 फीसदी है. केंद्र सरकार की ओर से नए परिसीमन से पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत को वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है.
खैर, ये महज अभी आरोप हैं बाकी परिसीमन के खिलाफ झामुमो की आगे की रणनीति क्या होगी ये तो देखने वाली बात होगी. हालांकि, फिलहाल तो जेएमएम नए परिसीमन का खुलकर विरोध करती दिखाई दे रही है और भाजपा पर अपनी सत्ता को मद्देनजर रखते हुए सीटों की संख्या में वृद्धि की बात कर रही है.