L19 DESK : झारखंड के कद्दावर कांग्रेस नेता, मजदूरों की प्रखर आवाज, मंत्री और बेरमो विधायक रहे स्व राजेन्द्र बाबु कि पुण्यतिथि है। आज से 3 वर्ष पहले 77 वर्ष की आयु में राजेन्द्र बाबु ने अपनी आखरी साँसे ली थी।
दुबे जी के बाद बड़ी चुनौती थी राजेद्र बाबु की
दुबे जी के बाद नया नवेला विधयाक बन कर आने वाले राजेंद्र बाबू के पास बड़ी चुनौती थी, कि हम कैसे विधान सभा क्षेत्र को चलायें। गांव की गलियां चौखट पखवारे पानी बिजली स्कूल रहन सहन सभी कुछ अलग अलग था। क्या जमाना था। 1985 में विधयाक बने इस आदमी ने सबसे पहले सोंचा कि क्यों न हम उस खपरैल के स्कूलों से खपरा हटा दें, और यही बात उनके दिल में धंस गयी और शुरू होता है । फ़रवरी 1987 जब उन्होंने जरीडीह प्रखंड के तुपकाडीह उर्दू स्कूल के खपरैल भवन की निर्माण पक्की कराई और शिलशिला शुरू हो जाता है।
जरीडीह प्रखंड के सभी खपरैल स्कूल के भवन पक्के छत के रूप में बदलते हुए पठन पाठन में विद्यार्थियों में रूचि आने लगी। विधान सभा में न रोड था और ना हीं पुल पुलिया। उस समय का विधयाक बनने का मतलब था दांतों तले उंगली चबाना। उस समय के 10 पंचायत अब जरीडीह के 17 पंचायत हो गए हैं। खपरतोड़ विधयाक और मंत्री राजेंद्र बाबू के नक्शे कदम पर कुमार जयमंगल चल कर दिखाएं यही कामयाबी हासिल होगी।
रिपोर्ट :- मुन्ना दुबे, बेरमो