L19 DESK : झारखंड सरकार ने स्कूली शिक्षा और साक्षरता मंत्री जगरनाथ महतो के इलाज में 2.5 करोड़ से अधिक खर्च किया है। इसमें 14 मार्च 2023 के बाद हुए खर्च का हिसाब नहीं है। कोरोना संक्रमण की पहली लहर में जगरनाथ महतो संक्रमित हुए। इस संक्रमण का असर इतना हुआ कि शिक्षा मंत्री का फेफड़ा (लंग्स) 95 फीसदी संक्रमित हो गया। 28 सितंबर 2020 से 22 दिनों तक वे रांची के अस्पतालों में रहे और हाई फ्लो ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ वेंटिलेटर पर रहे। 19 अक्टूबर 2020 को एयर लिफ्ट कर इन्हें एकमो सपोर्ट (कृत्रिम लंग्स) पर एमजीएम चेन्नई ले जाया गया। यहां स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम ने 10 नवंबर को जगरनाथ महतो के फेफड़े का ट्रांसप्लांट किया था। इस दौरान वे 22 दिनों तक एकमो सपोर्ट पर रहे । 111 दिन बाद स्वस्थ हो गये।
पिछले वर्ष भी अप्रैल में ही उनकी तबीयत बिगड़ी। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान अचानक घबराहट और बेचैनी के बाद उनको नजदीकी एचइसी-पारस अस्पताल में भरती कराया गया। यहां उनकी प्रारंभिक जांच की गयी, जिसमें ऑक्सीजन का स्तर नीचे पाया गया। सीटी स्कैन सहित सभी प्रकार की जांच की गयी, जिसमें फेफड़ा में माइल्ड इन्फेक्शन के संकेत मिले। इस बार जब वह स्वस्थ होकर वापस लौटे तो राजनीति में खूब सक्रिय रहे।
14 मार्च को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद उन्हें रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सीएम हेमंत सोरेन की सलाह पर उन्हें तत्काल एयर एंबुलेंस से चेन्नई ले जाया गया था। चेन्नई में इलाज कराने के क्रम में 6 अप्रैल को उन्होंने आखिरी सांसे लीं।