L19/JHARKHAND : हेमंत सोरेन सरकार द्वारा लाई गई नई नियोजन नीति के विरोध में 10 और 11 जून को बंद का आह्वान किया गया है। झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने साथ ही विधानसभा घेराव, मुख्यमंत्री आवास घेराव और पुतला सहित कई अन्य माध्यमों से विरोध दर्ज कराने का ऐलान किया है। इससे पहले भी छात्रों ने विभिन्न माध्यमों से नियोजन नीति को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है। बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री आवास घेराव का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। छात्र नियोजन नीति वापस लेकर खतियान आधारित नीति बनाने की मांग कर रहे हैं। जेएसएसयू द्वारा बुलाए गए बंद को लेकर राज्यभर में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने पर चर्चा शुरू हो गई है।
संगठन ने झारखंड बंद को सफल बनाने के उद्देश्य से विभिन्न जिलों में प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। इस संगठन के सदस्यों ने अलग-अलग विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों में जाकर सांसदों और विधायकों का समर्थन मांगा था। कई जनप्रतिनिधियों ने युवाओं के आंदोलन को समर्थन भी दिया है। हस्ताक्षर अभियान के दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ छात्रों की नोक-झोंक का एक वीडियो भी सामने आया था। समर्थन जुटाने के लिए छात्र पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ सखुआ पत्ता लेकर घूम रहे हैं। इस दौरान छात्र 60:40 नाय चलतो का नारा भी लगा रहे हैं। छात्रों का कहना है कि उनको खतियान आधारित नियोजन नीति से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। मौजूदा नियोजन नीति वापस लेनी होगी। हेमंत सोरेन सरकार द्वारा फरवरी 2020 में लाई गई।
नियोजन नीति को संविधान विरुद्ध बताकर हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया गया था। इसमें तृतीय एवं चतुर्थवर्गीय नौकरियों में झारखंड से ही 10वीं-12वीं पास करने की अनिवार्यता को संविधान में समानता के अधिकार का खुला उल्लंघन बताते हुए हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। बाद में हेमंत सरकार नई नियोजन नीति लाई जिसमें झारखंड से ही 10वीं-12वीं पास करने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई। सरकारी नौकरियों में 60 फीसदी सीटें स्थानीय जबकि 40 फीसदी सीटें ओपन टू ऑल रखी गई। स्थानीय भाषा की सूची में हिंदी को शामिल किया गया। साथ ही स्थानीय भाषा, संस्कृति और परिवेश की जानकारी होने की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई।