L19/Ranchi : झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) के निर्माण में हुए घोटाले की जांच जल्द शुरू होगी। हाईकोर्ट ने जांच की अनुमति दी है। जस्टिस अनिल चौधरी ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। अदालत ने याचिकाकर्ता और प्रतिवादी का पक्ष सुनने के बाद निचली अदालत के आदेश को सही ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि संज्ञान आदेश में जो तथ्य आया है, उससे प्रथमदृष्टया मामला बनता है। इसलिए मामले में ट्रायल चलेगा।
बताते चलें कि जेएससीए स्टेडियम के निर्माण को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने जेएससीए को पैसे दिये थे। इस राशि का दुरुपयोग और वित्तीय अनियमितता किये जाने को लेकर रणजी खिलाड़ी उज्जवल दास, शेष नाथ पाठक और सुनील सिंह ने जमशेदपुर की निचली अदालत में शिकायत की थी। इसमें अदालत ने संज्ञान लेते हुए समन जारी किया था। स्टेडियम का निर्माण एचइसी परिसर में संवेदक कंपनी रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड की तरफ से किया गया है। स्टेडियम निर्माण में तीन सौ करोड़ से अधिक की राशि खर्च हुई है।
शिकायतकर्ता उज्ज्वल दास की ओर से अधिवक्ता सौरव शेखर व अधिवक्ता अनुराग कुमार ने याचिकाकर्ताओं की दलील का विरोध करते हुए कहा था कि स्टेडियम के निर्माण में जेएससीए के तत्कालीन अधिकारियों ने वित्तीय अनियमितता की है। उनके खिलाफ मामला बनता है। निचली अदालत का जो आदेश है, वह पूरी तरह से उचित है।
याचिकाकर्ता के तौर पर जेएससीए के पूर्व सचिव राजेश वर्मा, पूर्व कोषाध्यक्ष गोविंदो मुखर्जी, आजीवन सदस्य रंजीत कुमार सिंह की ओर से निचली अदालत में दर्ज शिकायतवाद को खारिज करने के लिए क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर की गयी थी। जेएससीए के इन तीन पूर्व पदाधिकारियों ने जमशेदपुर की निचली अदालत के संज्ञान आदेश व चल रही आपराधिक कार्यवाही को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।