L19/Gadhwa : गढ़वा जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में एक छात्रा की मौत और तीन अन्य छात्राओं के बीमार होने की खबर से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। जिले के कांडी प्रखंड मुख्यालय में पांच अक्टूबर को एक नौवीं कक्षा की एक छात्रा की अचानक मौत हो गई थी। छात्रा की मौत के बाद विद्यालय की अन्य छात्राएं सहमी हुई हैं।
इस मामले की जानकारी के बाद उपायुक्त ने सदर अनुमंडल अधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं। एसडीओ और शिक्षा पदाधिकारी के नेतृत्व में जांच कमिटी का गठन किया गया है। जांच कमिटी की टीम के साथ अधिकारी कस्तूरबा विद्यालय पहुंची और छात्रा की मौत पर गहनता से जांच के दौरान विद्यालय परिसर का निरीक्षण किया गया तो इस बीच एसडीओ राज महेश्वरम ने पाया कि किचन जहां सभी छात्रों के लिए खाना बनाया जाता है वहां कचरों का अंबार पड़ा था। गंदगी के ढेर को देखकर टीम भड़क गयी।
इसके बाद वे जल मिनार, किचन, खाद्यान स्टोर समेत आवासीय रूम का भी निरीक्षण किया गया। एसडीओ राज महेश्वरम ने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के गार्ड दिनेश कुमार से भी पूछताछ की, और उसे भी जमकर फटकार लगाई। एसडीओ के निर्देश के अनुसार, शिक्षा विभाग के पदाधिकारी द्वारा विद्यालय में मौजूद खाद्य पदार्थों का सैंपल भी लिया गया. छात्राओं ने बताया की विद्यालय परिसर की सफाई आज ही किया गया है और विद्यालय में मौजूद खाद्य के सभी सामग्री भी 6 अक्टूबर को लाया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी आकाश कुमार ने छात्राओं से कहा कि डरने की कोई बात नहीं है सभी छात्राएं अपनी शिक्षा पर ध्यान दें। विद्यालय परिसर में अगर किसी तरह की कोई कमी या लापरवाही पाई जाती है तो वे उन्हें या अन्य पदाधिकारियों को फोन करके तुरंत इसकी जानकारी दें।
घटना के बाद विद्यालय पहुंचे छात्राओं के अभिभावकों के साथ मिलकर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने उन्हें समझाते हुए छात्राओं को घर नहीं ले जाने को कहा। इस बीच कई लोगों ने इस मामले में सवाल उठाते हुए पूछा कि विद्यालय प्रबंधन ने आखिर छात्रा की पहले इलाज क्यों नहीं कराई. जिससे छात्रा की मौत हो गई इस पर जांच होनी चाहिए। इसपर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि मामले में गहनता से जांच की जा रही है कि छात्रा की मौत की वजह क्या है और किस परिस्थिति में उसकी मौत हुई है। एसडीओ ने कहा कि इस संबंध में सम्बंधित वार्डन, गार्ड और छात्राओं के बयान लिए गए हैं, जिसे वरीय पदाधिकारी को सौंपा जाएगा। जांच में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे कानूनी तौर पर कड़ी सजा दी जाएगी।