L19 DESK : मणिपुर में सुरक्षा स्थिति को लेकर कई फेक वीडियो प्रसारित हुए थे, वहीं अब भारतीय सेना ने नागरिकों से केवल आधिकारिक और सत्यापित स्रोतों के माध्यम से मिलने वाली सूचना पर भरोसा करने का अनुरोध किया है। जिसके बाद भारतीय सेना ने लोगों को आग्रह की है। भारतीय सेना ने ट्वीट किया और लिखा कि असम राइफल्स पोस्ट पर हमले के वीडियो सहित मणिपुर में सुरक्षा स्थिति पर नकली वीडियो को कुछ लोगों द्वारा प्रसारित किया जा रहा है। भारतीय सेना सभी से केवल आधिकारिक और सत्यापित स्रोतों के माध्यम से मिलने वाली सूचना पर ही भरोसा करने का आग्रह करती है। मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति के बाद, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनों को रोक दिया गया है। NF रेलवे के SPRO सब्यसाची डे ने ANI से कहा कि हालत में सुधार होने तक कोई ट्रेन मणिपुर नहीं चलेगा।
राज्य नहीं चल रहा है इंटरनेट सेवाएं
राज्य में लगातार बढ़ रही हिंसा के कारण, मोबाइल डेटा के बाद अब मणिपुर में ब्रॉडबैंड सेवाएं भी निलंबित कर दिया गया हैं। सरकार ने रिलायंस जियो फाइबर, एयरटेल एक्सट्रीम, BSNL आदि को हिंसा और अफवाह फैलाने के लिए ब्रॉडबैंड और डेटा सेवाओं पर रोक लगाने का आदेश दिया है। मणिपुर राज्य में मौजूदा हालत के कारण अगले 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद करने आदेश दिया गया है। MHA के शीर्ष अधिकारी लगातार राज्य के संपर्क में है और स्थिति की बारीकी से निगरानी किया जा रहा है
क्या है पूरा मामला
मणिपुर में भड़की हिंसा को लेकर सेना के प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक हिंसाग्रस्त चूड़चंदपुर में करीब 5,000 लोगों को सुरक्षित घरों में पहुंचाया गया है, वहीं 2,000 लोगों को इंफाल घाटी और 2,000 अन्य लोगों को तेंगनौपाल जिले के सीमावर्ती शहर मोरेह में निकाला जा चुका है। सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि सेना और असम राइफल्स को 3 मई को गया था। और उन्होंने पुलिस के साथ मिलकर सुबह तक हिंसा पर नियंत्रण कर लिया गया है। राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले गैर-आदिवासी मैती समुदाय की एसटी दर्जे की मांग के विरुद्ध चूड़चंदपुर जिले के तोरबंग हिस्से में आल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर द्वारा बुलाए गए आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई थी। राज्य में आदिवासियों की आबादी लगभग 40 प्रतिशत है। मैती समुदाय की मांग के संबंध में पिछले महीने मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 4 सप्ताह के भीतर केंद्र सरकार को एक सिफारिश भेजने के लिए कहा था।
इसके बाद ही एटीएसयूएम ने मार्च का आयोजन किया था। तोरबंग में 3 घंटे से अधिक समय तक हुई हिंसा में कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ के साथ आगजनी भी की गई। इंफाल घाटी के कई हिस्सों में कुकी आदिवासियों के घरों में तोड़फोड़ की गई, जिससे उन्हें एरिया छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। इंफाल घाटी में बीती रात कुछ पूजा स्थलों को भी आग के हवाले कर दिया गया। कांगपोकपी जिले के मोतबंग इलाके में 20 से अधिक घर जलकर खाक हो गए। तेंगनौपाल जिले में म्यांमार सीमा के पास मोरेह से भी हिंसा की सूचना है। आदिवासी बहुल चूड़चंदपुर जिले के करीब 1,000 मैती लोग क्वाक्ता व मोइरांग सहित बिष्णुपुर जिले के विभिन्न एरियों में चले गए है। घाटी के जनप्रतिनिधियों ने पहले कुछ मैती संगठनों की ST का दर्जा देने की मांग का समर्थन किया था, जिससे ST की सूची में शामिल कुछ समुदाय नाराज हो गए थे। मैती समुदाय का कहना है कि म्यांमार और बांग्लादेश से बड़े पैमाने पर अवैध प्रवासियों के आने से उन्हें समस्या हो रही है।
जारी हुए हेल्पलाइन नंबर
मणिपुर में हो रही हिंसा के बीच लोगों की किसी भी प्रकार की सहायता की जरूरत होने पर उनके लिए राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर एक्टिव किए हैं। वर्तमान में मणिपुर और इंफाल शहर में नागालैंड के लोगों के लिए किसी को भी सहायता की जरूरत पड़ती है तो राज्य पुलिस नियंत्रण कक्ष से संपर्क कर सकते हैं। मेघालय के बाद, नागालैंड ने भी राज्य के उन लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं जो मणिपुर में फंसे हुए हैं।
Control Room: 0370 2242511
FAX: 0370 2242512
What’s App: 08794833041
E-Mail: spcrkohima@gmail.com
NSDMA: 0370 2381122/2291123