- इडी ने शुक्रवार को दुबारा किया था प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार, पांच दिनों तक होगी पूछताछ
L19 DESK : सत्ता के गलियारे का पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश फिर सुर्खियों में है। शनिवार से प्रवर्तन निदेशालय की टीम उससे रांची में हुए भूमि घोटाले के संबंध में पूछताछ शुरू करेगी। शुक्रवार को उसे भूमि घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। वह पहले से ही प्रतिबंधित हथियार रखने के मामले और खनन घोटाले के सिलसिले में इडी की न्यायिक हिरासत में है। ईडी ने 7 दिन की रिमांड मांगी थी कोर्ट ने पीएमएलए कोर्ट ने पांच दिनों की रिमांड को मंजूर की है।
जमीन घोटाला मामले में प्रेम प्रकाश की अहम भूमिका बताई जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि इस मामले में आरोपियों को वह बहुत लंबे समय से जानता है। इस मामले में ईडी ने न्यूक्लियस मॉल के मालिक व कारोबारी विष्णु अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था। इसी मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी ईडी ने पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। चेशायर होम रोड में एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री फर्जी डीड के जरिए कराने के मामले में ईडी प्रेम प्रकाश को मास्टरमाइंड मानता है। जांच में ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में प्रेमप्रकाश की गिरफ्तारी के लिए प्रोडक्शन वरांट जारी करने का अनुरोध किया था।
तीन दिनों की बहस के बाद पीएमएलए कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट जारी करने की अनुमति दी है। इसी वारंट के आधार पर रांची जमीन घोटाले मामले में ईडी ने दोबारा आज प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार किया। प्रेम प्रकाश उर्फ पीपी पर अब तक साहिबगंज में अवैध खनन और 1000 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला ही चल रहा है। ईडी ने कोर्ट से अनुमति के बाद बीते तीन और चार अगस्त उससे जेल में भी पूछताछ की थी।
इसी पूछताछ के दौरान कई अहम बातें सामने आयी हैं। पूछताछ और जांच के बाद जो चीजें सामने आयी हैं, उसी आधार पर उसकी गिरफ्तारी की गयी है। ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि प्रेम प्रकाश का फर्जी डीड बनाकर जमीन बेचने वाले गिरोह के सदस्य अफसर अली समेत अन्य आरोपियों से उसकी पुरानी पहचान रही है। प्रेम प्रकाश को इस बात की जानकारी थी कि जमीन को बेचने के लिए फर्जी डीड तैयार की जाती है।
इसी फर्जी डीड के आधार पर जमीन का पावर देकर इसकी रजिस्ट्री प्रेम प्रकाश के सहयोगी पुनीत भार्गव के नाम पर की गई थी। पुनीत ने फिर इसी जमीन को दो अलग-अलग डीड के जरिए 1.80 करोड़ में विष्णु अग्रवाल को बेचा था। इसमें कमीशन के तौर पर 1.50 करोड़ रुपए प्रेम प्रकाश को मिले थे। ईडी ने जांच में पाया है कि जमीन की डील में प्रेम प्रकाश और विष्णु अग्रवाल लाभान्वित हुए थे।