L19/Ranchi : राजधानी रांची में पिछले 7 सालों में 6,544 युवक और युवतियों ने स्पेशल मैरेज अधिनियम, 1954 के तहत शादियां रचायीं। इस अधिनियम के तहत शादी करने का मतलब है कि विवाहित जोड़ों ने जाति, धर्म के बंधनों से परे होकर शादी करने का फैसला किया। इन विवाहित जोड़ों का पंजीकरण भी किया गया है। आंकड़ों की मानें, तो इन 7 सालों में रांची में विशेष विवाह अधिनियम के तहत होने वाली शादियों में अमूमन बढ़ोतरी देखने को मिली है।
क्या कहता है विशेष विवाह अधिनियम 1954 का कानून?
इस अधिनियम के तहत अलग-अलग धर्म-संप्रदाय के युवक व युवती शादी रचा सकते हैं। यानि, कोई हिंदू का लड़का किसी अन्य धर्म जैसे, मुस्लिम या इसाई लड़की से शादी कर सकता है। ठीक ऐसे ही, कोई हिंदू लड़की किसा अन्य धर्म के लड़के से शादी रचा सकती है। इस अधिनियम के तहत शादियों का पंजीकरण जिला निबंधन कार्यालय या मैरिज ऑफिसर के कार्यालय में किया जाता है।
इसके साथ ही, यह कानून भारतीय नागरिकों को विदेशी नागरिकों से भी शादी करने की आज़ादी प्रदान करता है। ऐसी शादियों में किसी पंडित, पादरी, मौलवी या ग्रंथी की आवश्यकता नहीं होती।
क्या हैं रांची में 2016-22 के बीच के आंकड़े?
2016 में 431
2017 में 651
2018 में 955
2019 में 955
2020 में 808
2021 में 1430
2022 में 1184 शादियां पंजीकृत की गयीं।