L19. कोविड – 19 के बाद बाजार में भारी डिमांड और वस्तुयों के दामों बढ़ोतरी से देश का जीएसटी संग्रह नए रिकॉर्ड बना रहा है। फरवरी तक यानी 11 माह में ग्रांस जीएसटी क्लेशन 16.50 लाख करोड़ रुपए रहा। सरकार इस वर्ष 13.85 लाख करोड़ रुपए जीएसटी संग्रह का अनुमान लगा रही है। इसके बाद भी यह लगातार पंचवां साल होगी ,जब देश की जीडीपी में अप्रत्यक्ष कर का योगदान आयकर से कम रहेगा।
इस साल सरकार ने 16.50 लाख करोड़ रुपए आयकर संग्रह का अनुमान लगाया है। इस तरह आयकर का जीडीपी में योगदान 6.02% रह सकता है। इसकी तुलना में अप्रत्यक्ष कर का जीडीपी में 5.07% तक सीमित रहेगा। जीएसटी से पहले यानी 2016-17 में जीडीपी में इसका योगदान 5.65% था ,जबकि आयकर का 5.57%था। 2021-22 में आयकर का जीडीपी में योगदान 6.10% तक चला गया। इसकी तुलना में जीएसटी का योगदान घटकर 5.60%बचा।
12%ग्रोथ रेट भी काफी नहीं अगले साल अंतर और बढ़ेगा
अगले वित्त वर्ष अप्रत्यक्ष कर संग्रह 12% बढ़ने का अनुमान है। इस आधार पर जीएसटी संग्रह 15.29 लाख करोड़ हो सकता है। वहीं आयकर संग्रह 18.50 लाख करोड़ रह सकता है। यानी अंतर बढ़कर 3 लाख करोड़ से ज्यादा हो जाएगा। इस साल 8 करोड़ लोग आयकर भरेंगे। यह आंकड़ा 2016-17 में 5.28 करोड़ था। 2016-19 में 80 लाख व्यापारी अप्रत्यक्ष कर भरते थे। यह 2022-23 में 7.57 करोड़ हो चुका है।