L19/Ranchi: झारखंड की ऊषा मार्टिन इंडस्ट्रीज को चाईबासा के घाटकुरी लौह अयस्क खदान इलाके में अवैध खनन करने के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खान एवं भूतत्व विभाग से जवाब मांगा है। 190 करोड़ से अधिक के घोटाले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसियां सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से किया जा रहा है। इडी ने इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर दिया है। उस समय खान एवं भूतत्व विभाग के तत्कालीन सचिव थे, अरुण कुमार सिंह और खान निदेशक के रूप में इंद्रदेव पासवान नियुक्त थे। वर्तमान में अरुण कुमार सिंह स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव हैं। उनकी अनुशंसा के आधार पर ही ऊषा मार्टिन को लौह अयस्क खदान आवंटित की गयी थी। पर आवंटित खदान पर ऊषा मार्टिन ने कभी भी खनन कार्य नहीं किया। कंपनी की तरफ से टीपी साव को आवंटित खनन पट्टे में अवैध खनन करने का आरोप लगा था।
क्या है पूरा मामला ?
जानकारी के अनुसार ऊषा मार्टिन के प्रमोटरों पर अन्य जांच एजेंसियों की भी जांच चल रही है। ऊषा मार्टिन के जमशेदपुर प्लांट को टाटा घराने की तरफ से खरीदा गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पटना की टीम ने मई 2021 में रांची स्थित ईडी की विशेष अदालत में ऊषा मार्टिन कंपनी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। पूरा मामला वर्ष 2016 में 190 करोड़ रुपये के लौह अयस्क खनन मामले से संबंधित है। सीबीआइ की नई दिल्ली स्थित आर्थिक अपराध शाखा में 20 सितंबर 2016 को उषा मार्टिन के विरुद्ध स्वीकृत मात्रा से अधिक लौह अयस्क खनन मामले में केस दर्ज किया गया था। दर्ज प्राथमिकी में तत्कालीन झारखंड सरकार के खान निदेशक आइडी पासवान और ऊषा मार्टिन व अन्य को आरोपी बनाया गया था। ऊषा मार्टिन के प्रमोटरों समेत वरीय उपाध्यक्ष और अन्य अधिकारियों पर पद का दुरुपयोग करने, धोखाधड़ी और अनुचित लाभ उठाने का आरोप है। लौह अयस्क के अवैध खनन और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के मामले में तत्कालीन केंद्र सरकार ने शाह आयोग का गठन किया था। सीबीआइ अनुसंधान में ही पूरा मामला 190 करोड़ रुपये के अवैध लौह अयस्क खनन का आया था। सीबीआइ के इस केस के आधार पर ही ईडी ने मनी लाउंड्रिंग एक्ट में प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें चार्जशीट किया जा चुका है।
