जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने सुनाया फैसला, वीकेएस कंपनी को झटका
राजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित रतन हाईट्स बिल्डिंग सोसाइटी की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने वीकेएस कंपनी को एक महीने के अंदर खोदे गये गड्ढे को भरने का निर्देश दिया है। सोसाइटी ने बहुमंजिली इमारत के ठीक बगल में बीकेएस कंपनी की ओर से अपार्टमेंट निर्माण को लेकर खोदे गये गड्ढे के विरोध में याचिका दायर की थी।
इस गड्ढे की वजह से सोसाइटी में जानेवाली 15 फीट की सड़क के ढहने और सोसाइटी के अपार्टमेंटों के गिरने की संभावना बन गयी थी। खोदे गये गड्ढे में सोसाइटी के रहनेवाले एक शख्स की कार भी गिर गयी थी। हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया है। सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस राजेश शंकर ने 22 जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हाईकोर्ट ने वीकेएस कंपनी को निर्माण कार्य पर रोक लगाने और बिल्डर द्वारा जो गड्ढा खोदा गया है, उसे एक महीने में अंदर भरने का आदेश दिया। अदालत ने रतन हाइट्स सोसाइटी के बीच की बाउंड्री वाल को तोड़ने का आदेश दिया है। इस मामले में रतन हाइट्स सोसाइटी की ओर से झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने पक्ष रखा. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई की और फैसला सुनाया।
सोसाइटी कैंपस के रास्ते पर बिल्डर ने करीब 15 फीट का गड्ढा खोदकर छोड़ दिया था, जिसमें सोसायटी की एक गाड़ी जा गिरी थी। सोसाइटी का जेनरेटर भी गड्ढे में लटक गया था। इस घटना के बाद सोसाइटी के लोगों में काफी आक्रोश हो गया था। सोसाइटी के सदस्यों ने बिल्डर पर लोगों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था।