मुंहबोले चाचा ने 11 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म कर किया था प्रेग्नेंट
सिमडेगा जिले के जलड़ेगा प्रखण्ड की है घटना
सुनीता मुंडा
L19 : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सिमडेगा के जलडेगा प्रखंड की हृदयविदारक घटना के बाद संज्ञान लेते हुए झारखंड सरकार से पूरी जानकारी तलब की है. जलडेगा में मुंहबोले चाचा ने पड़ोस की 11 वर्षीय बालिका के साथ न सिर्फ दुष्कर्म किया, बल्कि उसे प्रेग्नेंट भी कर दिया. लोकतंत्र 19 ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित कर मामले को आम लोगों तक पहुंचाया था. लोकतंत्र 19 की खबर पर संज्ञान लेते हुए एनसीपीसीआर ने सिमडेगा जिला बाल कल्याण सिमिति और डिस्ट्रीक्ट मेडिकल बोर्ड को बच्ची के हित में त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और महिला तथा बाल विकास विभाग झारखंड से पूरी रिपोर्ट भी मांगी है.
क्या है पूरी घटना
लोकतंत्र 19 ने बालिका की व्यथा प्रकाशित की थी. इसमें कहा गया था कि 11 वर्षीय जनजातीय समुदाय की अबोध बालिका को मां बनने का दंश झेलना पड़ रहा है. अभी तो उसके खेलने-कूदने के दिन थे. पर अचानक उसके साथ मुंहबोले चाचा ने ऐसा कर दिया कि वह गर्भवती हो गयी. अब समाज कल्याण बोर्ड की जिला इकाई, चिकित्सक और समाजसेवी भी पशोपेश में हैं, आखिर इस अबोध बालिका के भविष्य का क्या होगा, क्या उसका गर्भपात कराया जायेगा. क्या सीडब्ल्यूसी उसे अपने पास रखेगा. लेकिन यह सब अभी चक्करघिन्नी की तरह घूम रहा है.
नवंबर 2022 में जिस घृणित कार्य की सजा उसे भुगतनी पड़ी, वह अब उसकी पीड़ा साढ़े तीन महीने बाद उसे सताने लगी है. मां बनने का दर्द उसे होने लगा है. मिचली और उल्टियां भी हो रही हैं. पर वह करे, तो क्या करे, उसे तो इसकी जानकारी तक नहीं है कि मां बनना क्या होता है. सिमडेगा से 42 किलोमीटर दूर जलडेगा के एक गांव में 11 वर्षीय अबोध बालिका का घर है. आरोपी उसके घर के बगल का रहनेवाला है, जिसे बालिका चाचा कहती थी.
मां लकड़ी चूनने का काम करती है. पिता मजदूर हैं. इसी का फायदा उठा कर चाचा ने यह कलंकित कार्य किया. बच्ची अपने अपाहिज भाई की देखभाल करती थी. पर नीयती को कुछ और ही तय था. पापी और दुष्कर्मी चाचा की कुदृष्टि बच्ची पर शुरू से थी और वह उस मौके की तलाश में था, जब दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया जा सके. दुष्कर्म का यह सिलसिला चाकलेट, टॉफी और अन्य का लालच देकर कई वर्षों से चाचा की ओर से किया गया. एक दिन जब बच्ची की मां जंगल से लकड़ी चुनने के बाद वापस अपने घर लौट रही थी तो जंगल में बच्ची के साथ दुष्कर्म करते हुए चाचा को आपत्तिजनक स्थिति में देखा. वह पंचायत तक पहुंची, मामले की जानकारी पंचों को दी.
गांव वालों ने समझाया कि बच्ची को कुछ दवा दे देंगे, जिससे वह ठीक हो जायेगी. दुष्कर्मी चाचा पर आप किसी तरह की प्राथमिकी दर्ज नहीं करें, केस न करें. कुछ लोगों ने सुझाव दिया कि आप सीडब्ल्यूसी ले जाइये. इसके बाद पीड़िता की मां ने जबरन जलडेगा स्वास्थ्य उपकेंद्र में ले जाकर बच्ची को दिखाया. तब उसके पांव तले जमीन खिसक गयी. चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची साढ़े तीन महीने के गर्भ से है. अब बच्ची सीडब्ल्यूसी सिमडेगा में है. डेली मेडिकल बोर्ड की बैठकें भी हो रही है. पर इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है.
मामला संगीन होता जा रहा है और बच्ची की मानसिक स्थिति और फिजिकल स्थिति दोनों खराब हो रही है. मां के बिना पीड़ित बच्ची नहीं रह पा रही है. लोकतंत्र19 इसे लेकर आपके सामने रख रहा है सारी बातें, अब आप ही तय किजिए कि न्याय किसको मिलना चाहिए. अब सवाल यह उठ रहा है कि कैसे इस बच्ची को न्याय मिलेगा. राज्य की आदिवासी हितों वाली हेमंत सोरेन की सरकार क्या करेगी. क्या राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग तक शिकायत पहुंचेगी, और पूरे मामले पर संज्ञान लिया जायेगा. यह सब समय की गर्त में है.