L19/Desk : इनफ़्लुएंजा ‘ए’ वायरस के एच3एन2 सब-टाइप की वजह से होने वाले फ़्लू के मामले देशभर में तेज़ी से फैल रहें है इस वायरस में कोविड-19 जैसे लक्षण पाए गयें है । जो सभी उम्र के लोगों पर असर पड़ रहा है । वायरोलॉजिस्ट का कहना है कि वायु प्रदूषण से यह वायरस और भी तेज़ी से फ़ैल सकता है ।
H3N2 के लक्षण
- बुख़ार
- कफ़
- मितली
- उल्टी
- गले में दर्द
- शरीर में दर्द
- थकान
- आंतों में सूजन के साथ ख़ूनी दस्त
साथ ही अगर सांस लेने में तकलीफ़ या लगातार बुख़ार, सीने में दर्द, खाने में तकलीफ़, चक्कर और फिट आने जैसी समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए ।
संक्रमण से बचने के लिए उपाय
इंडियन काउंसिल फ़ॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक़ कमज़ोर इम्युनिटी ख़ासकर बच्चे, बूढ़े और बीमार लोगों में इसके गंभीर लक्षण हो सकते है ।
- प्लस ऑक्सीमीटर की मदद से लगातार ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें ।
- अगर ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 95 प्रतिशत से कम है तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं ।
- अगर ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 90 प्रतिशत से कम है तब इन्टेंशिव केयर की ज़रूरत पड़ सकती है ।
- ख़ुद दवाई लेना ख़तरनाक हो सकता है ।
अगर बच्चों और बूढ़ों को बुख़ार और कफ़ जैसी समस्या हो रही है तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । चूंकि ये संक्रमण वायरस से होता है इसलिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि एंटिबायटिक के इस्तेमाल की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि एंटिबायटिक सिर्फ़ बैक्टीरिया में कारगर होते हैं ।
संक्रमण को कैसे रोकें?
आईसीएमआर ने संक्रमण को रोकने के उपाय बताए हैं । इसमें अधिकतर उन उपायों को ही बताया गया है जिन्हें कोरोना महामारी के दौरान लगातार अपनाए जाने की सलाह दी जाती थी । H3N2 वायरस से बचाव के लिए किन चीज़ों को करना चाहिए और किन्हें नहीं करना चाहिए उसे लेकर भी आईसीएमआर ने सलाह दी । ये एक सामान्य इन्फ़्लुएंजा वायरस है जो बारिश या सर्दियों के मौसम में होता है । अगर बच्चे, बूढ़े या बीमार रहने वाले लोगों में संक्रमण के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें ज़ल्द से ज़ल्द डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए ।