L19/Deoghar : देवघर द्वारा निर्गत प्रवेशिका, साहित्यभूषण एवं साहित्यालंकार की उपाधियों की मान्यता हिन्दी विद्यापीठ, राज्य में 26 फरवरी 2015 के बाद से मान्य नहीं होगी। कार्मिक विभाग के सचिव प्रवीण कुमार टोप्पो ने आदेश जारी करते हुए सभी विभागीय सचिव, आयुक्त एवं उपायुक्तों को अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि इस परिप्रेक्ष्य में उच्च न्यायालय में दायर वादों में 10 मई 2022 का पारित न्यायादेश एवं महाधिवक्ता के परामर्श के आलोक में यह निर्णय लिया गया है।
सरकार द्वारा समयक विचारोपरांत कार्मिक विभागीय पत्रांक 1863 दिनांक 26 फरवरी 2015 एवं उक्त का स्पष्टीकरण पत्रांक 4786 दिनांक एक जून 2015 को निरस्त करते हुए यह निर्णय लिया गया है। इसके अनुसार 26 फरवरी 2015 एवं इसके पूर्व हिन्दी विद्यापीठ, देवघर द्वारा निर्गत विषयांकित उपाधियां नियुक्ति एवं प्रोन्नति के लिए मान्य रहेंगे। इस तिथि के बाद निर्गत उपाधियां नियुक्ति एवं प्रोन्नति के लिए मान्य नहीं होंगे। साथ ही यह निर्णय 26 फरवरी 2015 से प्रभावी रहेंगे।
कार्मिक विभाग द्वारा पूर्व में हिन्दी विद्यापीठ, देवघर द्वारा प्रदत्त प्रवेशिका, साहित्यभूषण एवं साहित्यालंकार को क्रमश मैट्रिक, आईए एवं बीए के समकक्ष स्थायी मान्यता दी गयी थी। जिसे पत्रांक 1863, दिनांक 26 फरवरी 2015 को जारी आदेश के द्वारा 26 जून 2014 के प्रभाव से समाप्त कर दिया गया था। विभाग ने स्पष्ट कहा था कि 26 जून 2014 के बाद किसी भी सरकारी नियुक्ति अथवा प्रोन्नति के लिए उक्त प्रमाण पत्रों की मान्यता नहीं है।