L19 DESK : विनोद सिंह की हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे रामधीर सिंह की क्रिमिनल याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। बुधवार को हाईकोर्ट की जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही धनबाद की निचली अदालत द्वारा दी गई उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा है। प्रतिवादियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता राजन राज, हाईकोर्ट का अधिवक्ता प्रेम प्रकाश एवं एसके मुरारी ने पैरवी की। बलिया के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष व सिंह मिशन के मजबूत स्तंभ रामाधीर सिंह बताए जाते हैं।
बता दे की विनोद सिंह की हत्या मामले में रामधीर सिंह रांची की होटवार सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। विनोद सिंह की हत्या मामले में 18 अप्रैल 2015 को धनबाद व्यवहार न्यायालय के एडीजे 7 निकेश सिन्हा ने रामधीर की गैरमौजूदगी में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जबकि उनके अग्रज झारखंड के पूर्व मंत्री बच्चा सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।
15 जुलाई 1998 को शहीद भगत सिंह चौक कतरास, धनबाद के समीप मजदूर नेता सकलदेव सिंह के भाई विनोद सिंह की कार पर हमला हुआ था। इस दौरान अंधाधुंध फायरिंग से विनोद सिंह एवं उनके चालक मन्नू अंसारी की मौत हो गई थी। रामधीर ने 22 माह फरार रहने के बाद 20 फरवरी 2017 को कोर्ट में सरेंडर किया था। सरेंडर करने के बाद पहले धनबाद जेल और उसके बाद हजारीबाग जेल भेजा गया था. सालभर पूर्व उन्हें होटवार जेल शिफ्ट किया गया था।