L19DESK: 2 जून2023 को बालासोर में तीन ट्रेनों की हुई दुर्घटना को रोक जा सकता था और 275 लोगों की मौत तथा 1100 से अधिक लोग घायल होने को भी। टीओआई के पास मौजूद रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की जांच रिपोर्ट के अनुसार अगर स्टेशन मास्टर ने क्रॉसओवर पॉइंट पर सिग्नल के ‘बार-बार असामान्य व्यवहार’ की सूचना दी होती तो यह हादसा आज नहीं हुआ होता और इस हादसे को रोक जा सकता था। क्रॉसओवर पॉइंट पर सिग्नल में गड़बड़ी के कारण दक्षिण की ओर जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस गलत तरीके से लूपलाइन में प्रवेश कर गई और एक खड़ी मालगाड़ी ट्रेन से जा टकराई। सिग्नल व टेलीकॉम विभाग की कई विफलताओं की ओर इशारा करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है, कि सिग्नलिंग कार्य में खामियों के बावजूद आगे चले गए जबकि क्रॉसओवर 17 ए/बी के सर्किट के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग लॉजिक तक फैली झूठी फीड का पता लगा सकते थे वे।
सिग्नल की खामियों को ध्यान देने में विफल रहे ट्रेन स्टेशन मास्टर, CRS की जांच रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार क्रॉसओवर 17 ए/बी वह बिंदु है, जहां से होकर कोरोमंडल एक्सप्रेस चेन्नई के लिए रास्ते पर रुकने के बजाय लूपलाइन की ओर मुड़ गई। जबकि स्टेशन मास्टर एसबी मोहंती ने सिग्नल की स्थिति बदलने के लिए उसे चालू किया, तथा सिग्नल बदलने में 14 सेकंड का समय लगना चाहिए था। लेकिन सिग्नल तुरंत बदल गया, जोकि असामान्य था। हालांकि स्टेशन मास्टर को यह पता लगाना चाहिए था कि सिग्नल में तत्काल बदलाव इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम की गलत फीड थी, क्योंकि ट्रैक की जमीन की स्थिति तुरंत नहीं बदल सकती है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ,स्टेशन मास्टर को इस असामान्य घटना पर ध्यान देना चाहिए था क्योंकि यह व्यक्तिगत ऑपरेशन के दौरान हुआ था और मास्टर को इसकी बखूबी जानकारी थी। तथा इन सब को देखते हुए उन्हें कोरोमंडल एक्सप्रेस को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। बहानगा बाजार स्टेशन पर कुछ सिग्नल सर्किट बिंदुओं को 2018 में शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन इसका डॉक्यूमेंटेशन नहीं किया गया था और ना ही वायरिंग डायग्राम में इसे दिखाया गया है अबतक। रिपोर्ट में इस गलती के पीछे एस एंड टी कर्मचारियों द्वारा कुछ तकनीकी कार्यों के दौरान सर्किट को गलत तरीके से पढ़ने को जिम्मेदार ठहराया गया है और कहा गया है कि विसंगतियों के कारण क्रॉसओवर की जमीनी स्थिति और सिग्नलिंग प्रणाली के बीच समन्वय स्थापित नहीं हो सका।