L19 DESK : झारखंड में हाल ही में पान मसाला और गुटखा पर बैन लगाया गया है, लेकिन इस बैन के बाद एक सवाल हमारे मन में उठने लगा, सवाल ये- कि क्या यह सिर्फ एक सरकारी आदेश है, या इसका असल में लोगों के स्वास्थ्य पर कोई असर होगा?” क्या सच में आज से बाजारों में पान मसाला नहीं मिल रहा है. और अब उन पान-मसालों का क्या होगा जो पहले से ही दुकानों और व्यवसायी के पास पड़े हुए हैं. क्या सरकार उनकी जब्ती करेगी या उन्हें बेचने का समय दिया जाएगा, या सरकार इसके लिए कोई और उपाय कर रही है. सवाल ये भी है कि आखिर जब सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए जब यह निर्णय लिया है तो फिर पामन मसालों में एक साल के लिए ही बैन क्यों पूरे पांच साल तक बैन क्यों नहीं लगाया गया?
देखिए, शुरुआत में ही हम आपको एक डिस्कलेमर दें दें. गुटखा और पान मसाला का सेवन करने की वजह से सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश में लगातार कैंसर, मुंह की बीमारियाँ और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ रही हैं और चिंता का कारण बन रही है. गुटखा का सेवन सिर्फ एक आदत नहीं, बल्कि एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा बन चुका है. ऐसे में झारखंड सरकार की ओर से पान मसाला और गुटखा की बिक्री पर बैन एक बड़ा कदम है, लेकिन क्या यह सिर्फ दिखावा है? क्या लोग इस नियम का पालन करेंगे या सरकार इसे सख्ती से पालन करा पाएगी.
इसका जवाब हम ऐसे जानने और समझते की कोशिश करते हैं. दऱअसल, झारखंड में यह पहली दफा नहीं है जब गुटखा और पान मसालों पर बैन लगाया गया है. समय-समय पर बैन और फिर बैन खत्म होते रहे हैं. इससे पहले भी झारखंड में साल 2020 में गुटखा और पान मसाला के 11 ब्रांडों पर प्रतिबंध लगाया गया था, जो साल 2023 के जून महीने तक प्रभावी था, लेकिन उस समय भी झारखंड में गुटखा की बिक्री धड़ले से चल रही थी. फर्क सिर्फ इतना था कि जो पान-मसाला और गुटखा पहले 5 रुपए में मिला करते थे वो 10 रुपए में मिलने लगे थे. मसलन गुटखा की बिक्री जारी थी बस खाने वालों को थोड़े खर्च ज्यादा करने पड़ रहे थे.
लेकिन इस बार सरकार गुटखा की पाबंदी पर सख्त दिखाई दे रही है. स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी कई मंचों से इसकी बिक्री करने वालों को चेता चुके हैं. उन्होंने कहा था कि झारखंड के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. गुटखा और पान मसाले के कारण कैंसर जैसी घातक बीमारी तेजी से बढ़ रही है. हमारे युवा धीरे-धीरे मौत की ओर बढ़ रहे हैं, और मैं अपनी आंखों के सामने उन्हें मरते नहीं देख सकता. एक डॉक्टर होने के नाते मैं जानता हूं कि यह जहर किस हद तक शरीर को बर्बाद कर सकता है. जब जनता ने मुझे स्वास्थ्य मंत्री बनाया है, तो मेरा पहला कर्तव्य उनके जीवन की रक्षा करना है.” मंत्री ने स्पष्ट किया था कि गुटखा बेचने, भंडारण करने या सेवन करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई तक की जाएगी. गुटखा माफिया और अवैध कारोबारियों पर विशेष नजर रखी जाएगी. किसी भी दुकान, गोदाम या व्यक्ति के पास गुटखा मिलने पर न केवल सख्त कानूनी कार्रवाई होगी, बल्कि गोदाम भी सील किए जाएंगे. अगर, सच में इस तरह की पहल झारखंड सरकार की ओर से की जाती है तो यह एक बेहतर कल के लिए सराहीय कदम माना जाएगा.
बहरहाल, इन सभी बयानों के बीच भी जो एक सवाल अभी भी बना हुआ है वो ये कि आखिर उन गुटखा और पान-मसालों का क्या हो जो अभी भी गोदाम और दुकानों में पड़े हुए हैं. उन छोट्टे दुकानदारों का क्या जिन्होंने जानकारी के आभाव में पान मसाला खरीद लिए हो. खैर, जब सरकार और खुद स्वास्थ्य मंत्री इस मुद्दे पर नजर बनाए हुए हैं तो हमें लगता है कि इस पर भी सरकार कुछ विचार कर रही होगी.
इस निर्णय के बाद अब युवाओं और गुटखा खाने वाले लोगों को जागरूक होना होगा तब जाकर असली बदलाव खुद ब खुद आएगा. यह बैन हमारी बेहतर जिंदगी की ओर एक कदम है. यह सिर्फ हमारी आज की पीढ़ी के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक बेहतर, स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है.