L19 DESK : “विश्व पर्यावरण दिवस” के मौके पर सीसीएल मुख्यालय के गंगोत्री कन्वेंशन सेंटर स्थित संगम सभागार में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ कोल इंडिया लिमिटेड के कॉर्पोरेट गीत और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर अतिथियों को जीवंत पौधा भेंट कर स्वागत किया गया।
समारोह में सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह, निदेशक (तकनीकी/संचालन) चंद्र शेखर तिवारी, मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) पंकज कुमार, विभिन्न विभागों के महाप्रबंधक, अधिकारीगण, कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
सीसीएल सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह ने सभागार में उपस्थित सभी को “पर्यावरण प्रतीज्ञा” दिलाई। जिसके बाद सीआईएल चेयरमैन पी. एम. प्रसाद के द्वारा पर्यावरण संरक्षण पर सीसीएल कर्मियों के लिए दी गई विशेष संदेश को पढ़ा गया।
मुख्य अतिथि सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि “पर्यावरण संरक्षण केवल एक दायित्व नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारी सामूहिक जवाबदेही है। सीसीएल हर स्तर पर हरित भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्रदूषण कम करने के लिए सीसीएल के द्वारा उठाए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। सीआईएल, सीसीएल अपने क्षेत्रों में अपनी जरूरतों के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है, इस पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।
निदेशक (तकनीकी/संचालन) चंद्र शेखर तिवारी ने बताया कि सीसीएल द्वारा अब तक 1 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं तथा वृहद पैमाने पर वनीकरण और वृक्षारोपण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि “मिशन ग्रीन कोल रीजन” तथा “डस्ट सप्रेशन सिस्टम” जैसे अभियान जल और वायु की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में कारगर सिद्ध हो रहे हैं।
मुख्य सतर्कता अधिकारी पंकज कुमार ने अपने प्रेरणादायक वक्तव्य में कहा कि छोटी-छोटी आदतें, जैसे बिजली-पानी की बचत, पर्यावरण संरक्षण में बड़ा बदलाव ला सकती हैं। उन्होंने बच्चों में पर्यावरण के प्रति व्यवहारिक शिक्षा की जरूरत को रेखांकित किया।
सीसीएल ने विगत वर्ष 2024-25 में हरित पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता सुनिश्चित करते हुए अपने लक्ष्य से आधी, 245 हेक्टेयर से ज्यादा में वृक्षारोपण किया। इसके अतिरिक्त वायु प्रदूषण पर बेहतर निगरानी हेतु कमांड एरिया में 41 पीएम-10 एनालाइजर स्थापित किया है। नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति अपनी प्रतिबद्धा को समझते हुए सीसीएल ने वित्त वर्ष 2023-24 तथा 2024-25 में 1.25 और 2.05 क्रमश: मेगावाट पीक (MWp) छत पर सौर (Rooftop Solar) अलग-अलग क्षेत्रों में लगाए हैं। इसके अलावा वित्त वर्ष 2025-26 में पीएम सूर्य घर योजना के अंतर्गत 2 मेगावाट छत पर सौर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। हमें यह बताते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि सीसीएल ने अकेले वित्त वर्ष 2024-25 में, 287.95 लाख यूनिट सौर ऊर्जा उत्पन्न की, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 23,000 टन CO2, उत्सर्जन में कमी आई। हम पिपरवार क्षेत्र में 20 मेगावाट और गिरिडीह क्षेत्र में 04 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगा चुके हैं, इसके जरिए हम हजारों टन CO2, उत्सर्जन में कमी ला रहे हैं। इसके अलावा सतही जल की सुरक्षा हेतु सीसीएल परियोजनाओं में 104 तलछट तालाब (सेडीमेंटेशन पॉन्ड) एवं 34 ऑयल एवं ग्रीस ट्रैप का निर्माण किया गया है तथा 174 लाख किलोलीटर से अधिक अधिशेष खान जल का उपयोग लगभग 140 गांवों में सामुदायिक एवं सिंचाई कार्यों हेतु किया जा रहा है, जिससे लगभग 2 लाख लोगों को लाभ मिल रहा है।
Nature’s Voice Vol-III वार्षिक पत्रिका का हुआ विमोचन
इस अवसर पर सीसीएल की वार्षिक पत्रिका ‘Nature‘s Voice Vol- III’ का विमोचन किया गया, जिसमें वर्षभर की प्रमुख उपलब्धियों एवं कर्मचारियों की रचनात्मकता को दर्शाया गया है। यह पत्रिका “पर्यावरण विभाग” द्वारा प्रकाशित की गई है।
“एक पेड़ माँ के नाम” की हुई शुरुआत
वहीं, अंत में “एक पेड़ माँ के नाम” कार्यक्रम की शुरुआत सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह, निदेशक (तकनीकी/संचालन) चंद्र शेखर तिवारी, मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) पंकज कुमार द्वारा वृक्षारोपण कर किया गया। यह अभियान मातृत्व सम्मान और पर्यावरण संरक्षण का सुंदर समन्वय है। इसके तहत सीसीएल मुख्यालय समेत सभी क्षेत्रों में हजारों पेड़ों का वितरण और रोपण किया गया।
ज्ञात हो कि सीसीएल, सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह के कुशल नेतृत्व में समय-समय पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है, जिससे न केवल कर्मचारियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ती है बल्कि इसके समाज में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
वहीं, मंच संचालन महाप्रबंधक (पर्यावरण) संगीता ने तथा धन्यवाद ज्ञापन महाप्रबंधक (पर्यावरण) राज कुमार ने दिया। कार्यक्रम की सफलता में पर्यावरण विभाग और अन्य विभागों का विशेष योगदान रहा।